चेन्नई:
द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) ने केंद्र की कांग्रेसनीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में बने रहने रहने का फैसला किया है। चेन्नई में शुक्रवार को हुई पार्टी की एक शीर्ष बैठक में यह फैसला किया गया। पूर्व मुख्यमंत्री व डीएमके के अध्यक्ष एम. करुणानिधि की अध्यक्षता में हुई इस बैठक के बाद संवाददाताओं को सम्बोधित करते हुए करुणानिधि ने कहा, "स्पेक्ट्रम आवंटन मामले को कुछ स्वार्थी तत्वों द्वारा बढ़ाचढ़ाकर पेश किया जा रहा है। हमें कांग्रेस के साथ कोई दिक्कत नहीं है।" ज्ञात हो कि 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा, करुणानिधि की बेटी व राज्यसभा सदस्य कनिमोई जेल में बंद है। इन घटनाओं के बाद दोनों दलों के रिश्तों में खटास होने की खबरें आई थीं। ऐसी अटकलें लगाई जा रही थी कि डीएमके के मंत्री केंद्र सरकार से इस्तीफा दे सकते हैं। इससे पहले, डीएमके नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री टीआर बालू ने कहा बैठक आरम्भ होने से पहले संवाददाताओं से बातचीत में कहा, "चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद पहली बार डीएमके की उच्च स्तरीय बैठक बुलाई गई है।" डीएमके के मंत्रियों के केंद्र सरकार से इस्तीफे और सरकार को बाहर से समर्थन देने की संभावनाओं सम्बंधी खबरों के बारे में बालू ने कहा, "मीडिया हर बारे में अटकलें लगाता है।" केंद्र में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार में डीएमके के 18 सांसदों का समर्थन काफी महत्वपूर्ण है। केंद्र सरकार में डीएमके के सात मंत्री हैं।