आयुष तथा रेलवे विभाग में कार्यरत डॉक्टरों के रिटायरमेंट की उम्र अब 62 से बढ़ाकर 65 साल कर दी गई है
नई दिल्ली:
त्योहारी सीजन आ गया है. लोगों को लुभाने के लिए बाजार नए-नए ऑफरों से अटा पड़ा है. तोहफों की भी लुभावने तोहफों की भरमार है. दीवाली आने में भले ही अभी कुछ दिन हों, लेकिन मोदी सरकार ने केंद्रीय डॉक्टरों को पहले ही दीवाली का तोहफा दे दिया है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य सेवा (सीएचसी) के अलावा अन्य डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की आयु को 62 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष करने को मंजूरी प्रदान की है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक ने पूर्वव्यापी प्रभाव से भारतीय रेल चिकित्सा सेवा के चिकित्सकों, उच्चतर शिक्षा विभाग के तहत केंद्रीय विश्वविद्यालयों में और आईआईटी (स्वायत्त निकायों) में कार्यरत डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु को बढ़ाकर 65 वर्ष करने के प्रस्ताव को अनुमति प्रदान कर दी.
पढ़ें: कैबिनेट का फैसला : अर्धसैनिक बलों के डॉक्टर अब 65 साल में होंगे रिटायर
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कैबिनेट की बैठक के बाद बताया कि आयुष, रेलवे में काम कर रहे डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु 62 साल से बढ़ाकर 65 साल की गई है. इससे पहले सरकार ने केंद्रीय स्वास्थ्य सेवा के चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति की आयु को पिछले साल 31 मई को बढ़ाकर 65 वर्ष कर दिया था.
जानकारी के मुताबिक, आयुष मंत्रालय (आयुष चिकित्सक), रक्षा विभाग (सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा महानिदेशक के अधीन सिविलियन चिकित्सक), रक्षा उत्पादन विभाग (भारतीय आयुध कारखाने, स्वास्थ्य सेवा चिकित्सा अधिकारी), स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के अधीन दंत चिकित्सक, रेल मंत्रालय के अधीन दंत चिकित्सक और उच्चतर शिक्षा विभाग के अधीन उच्चतर शिक्षा तथा तकनीकी संस्थानों में कार्यरत चिकित्सक के प्रशासनिक नियंत्रणाधीन चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाकर 65 वर्ष कर दी गई है. फैसले का स्वागत करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि यह बहुत दूरदृष्टि वाला फैसला है जो देश में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करेगा.
VIDEO: हमने डॉक्टर बनाए, पाकिस्तान ने जेहादी उन्होंने कहा कि इस कदम से अनुभवी डॉक्टरों की सेवाएं मिल सकेंगी और जनता को लाभ होगा. इससे डॉक्टर और रोगी अनुपात भी बढ़ेगा. इस फैसले से 1445 डॉक्टरों को फायदा होगा. इस निर्णय से बहुत अधिक वित्तीय प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि ज्यादातर पद खाली पड़े हैं और मौजूदा पदाधिकारी स्वीकृत पदों के लिए उनकी मौजूदा क्षमता में कार्य करना जारी रखेंगे.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक ने पूर्वव्यापी प्रभाव से भारतीय रेल चिकित्सा सेवा के चिकित्सकों, उच्चतर शिक्षा विभाग के तहत केंद्रीय विश्वविद्यालयों में और आईआईटी (स्वायत्त निकायों) में कार्यरत डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु को बढ़ाकर 65 वर्ष करने के प्रस्ताव को अनुमति प्रदान कर दी.
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केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कैबिनेट की बैठक के बाद बताया कि आयुष, रेलवे में काम कर रहे डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु 62 साल से बढ़ाकर 65 साल की गई है. इससे पहले सरकार ने केंद्रीय स्वास्थ्य सेवा के चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति की आयु को पिछले साल 31 मई को बढ़ाकर 65 वर्ष कर दिया था.
जानकारी के मुताबिक, आयुष मंत्रालय (आयुष चिकित्सक), रक्षा विभाग (सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा महानिदेशक के अधीन सिविलियन चिकित्सक), रक्षा उत्पादन विभाग (भारतीय आयुध कारखाने, स्वास्थ्य सेवा चिकित्सा अधिकारी), स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के अधीन दंत चिकित्सक, रेल मंत्रालय के अधीन दंत चिकित्सक और उच्चतर शिक्षा विभाग के अधीन उच्चतर शिक्षा तथा तकनीकी संस्थानों में कार्यरत चिकित्सक के प्रशासनिक नियंत्रणाधीन चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाकर 65 वर्ष कर दी गई है. फैसले का स्वागत करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि यह बहुत दूरदृष्टि वाला फैसला है जो देश में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करेगा.
VIDEO: हमने डॉक्टर बनाए, पाकिस्तान ने जेहादी उन्होंने कहा कि इस कदम से अनुभवी डॉक्टरों की सेवाएं मिल सकेंगी और जनता को लाभ होगा. इससे डॉक्टर और रोगी अनुपात भी बढ़ेगा. इस फैसले से 1445 डॉक्टरों को फायदा होगा. इस निर्णय से बहुत अधिक वित्तीय प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि ज्यादातर पद खाली पड़े हैं और मौजूदा पदाधिकारी स्वीकृत पदों के लिए उनकी मौजूदा क्षमता में कार्य करना जारी रखेंगे.
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