संसद में पराली पर अंग्रेजी में चर्चा : BJP सांसद ने कहा- किसान हैरत में कि आरोप लगाया या दी शाबाशी

उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान बीजेपी के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) डीपी वत्स ने जब पूरक प्रश्न पूछते समय यह बात कही तो सदन में बैठे सदस्य मुस्कराए बिना न रह पाए.

संसद में पराली पर अंग्रेजी में चर्चा : BJP सांसद ने कहा- किसान हैरत में कि आरोप लगाया या दी शाबाशी

संसद में पराली जलाने की चर्चा अंग्रेजी में होने पर बीजेपी सांसद ने सवाल उठाए

नई दिल्ली:

राज्यसभा में शुक्रवार को बीजेपी के एक सदस्य ने एक दिलचस्प बात की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि प्रदूषण और पराली जलाये जाने के मुद्दे पर पिछले दिनों से संसद में चल रही अधिकतर चर्चा अंग्रेजी में हो रही है जिसे सुनकर दिल्ली के आसपास के राज्यों के किसानों को यह नहीं समझ में आ रहा है कि इसमें 'उन पर आरोप लगाया जा रहा है या उन्हें शाबाशी दी जा रही है.' उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान बीजेपी के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) डीपी वत्स ने जब पूरक प्रश्न पूछते समय यह बात कही तो सदन में बैठे सदस्य मुस्कराए बिना न रह पाए.  वत्स ने पंजाब एवं हरियाणा जैसे राज्यों में किसानों द्वारा पुआल और पराली के प्रबंधन से जुड़े मुद्दे पर पूरक प्रश्न पूछते हुए कहा कि वायु प्रदूषण और पंजाब, हरियाणा आदि राज्यों में पुआल जलाने के विषय पर संसद में पिछले दो दिन चर्चा हुई. यह चर्चा अधिकतर अंग्रेजी भाषा में हुई. इसलिए इन राज्यों के हिन्दी एवं पंजाबी भाषी किसानों को यह समझ नहीं आ रहा कि इसमें 'उन पर आरोप लगाया जा रहा है या उन्हें शाबाशी दी जा रही है.'

सदन में प्रश्नकाल के दौरान समाजवादी पार्टी के रविप्रकाश वर्मा ने पूरक प्रश्न पूछते समय इस बात पर चिंता जतायी कि देश के लिए अनाज पैदा करने वाले किसानों को पराली जलाने के कारण गिरफ्तार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह बहुत चिंताजनक मामला है और किसानों को गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए. हालांकि कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने इस प्रश्न के जवाब में यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि यह राज्य का विषय है और इस पर केन्द्र कुछ नहीं कर सकता. 

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बाद में सभापति एम वेंकैया नायडू ने तृणमूल कांग्रेस के सदस्य एवं वरिष्ठ वकील सुखेन्दु शेखर राय से यह जानना चाहा कि क्या सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाने वाले किसानों पर कार्रवाई करने का कुछ निर्देश दिया है? इस पर राय ने अपना सिर हिलाकर सहमति जतायी. इस पर नायडू ने कहा कि फिर तो यह एक गंभीर मुद्दा है. सपा के प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने इस मुद्दे पर सदन में चर्चा कराने का सभापति को सुझाव दिया किंतु नायडू ने कहा कि चूंकि इस मामले में शीर्ष न्यायालय का निर्णय आ चुका है, इसलिए इस पर गंभीरता से ही विचार करना होगा. 
 



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