एनडीए में मंत्रालयों के आवंटन को लेकर आज असंतोष सामने आया, जब भाजपा की सबसे पुरानी सहयोगी शिवसेना ने भारी उद्योग मंत्रालय दिए जाने पर नाखुशी जताते हुए इसमें तत्काल बदलाव की मांग की।
कल शिवसेना के प्रतिनिधि के तौर पर केंद्रीय मंत्री के रूप में शपथ लेने वाले पार्टी नेता अनंत गीते ने उन्हें आवंटित मंत्रालय में कामकाज नहीं संभाला। उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे बुधवार को इस बारे में फैसला करेंगे कि मंत्रालय को स्वीकार किया जाए या नहीं।
सोमवार को शपथ-ग्रहण समारोह में भाग लेने दिल्ली आए उद्धव ने भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह से मुलाकात की और अप्रसन्नता जताई। गीते ने भी आज दिन में सिंह से मुलाकात की थी। गीते ने कहा कि शिवसेना ने दूसरा मंत्रालय मांगा है, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि किस मंत्रालय के लिए इच्छा जताई गई है।
जब गीते से बार बार इस बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'उद्धवजी कल फैसला करेंगे।' शिवसेना भाजपा की सबसे पुरानी सहयोगी है और उसने लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में 18 सीटों पर जीत दर्ज की है। हालांकि गीते ने आज शाम केंद्रीय मंत्रिमंडल की पहली बैठक में भाग लिया।
जब ग्रामीण विकास मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता गोपीनाथ मुंडे से पूछा गया कि क्या गीते मंत्रालय को लेकर खुश नहीं हैं, तो उन्होंने सीधा जवाब नहीं देते हुए कहा, 'भाजपा में कोई नाखुश नहीं है।' इस बारे में बार बार पूछे जाने पर मुंडे ने पहले दिन कामकाज संभालने के बाद कहा कि यह राजनीति पर चर्चा करने की जगह नहीं है।
दोनों पार्टियों के बीच तनाव की स्थिति इसलिए भी चिंता का विषय हो सकती है, क्योंकि इस साल अक्तूबर में महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने हैं। भाजपा और शिवसेना का गठबंधन 1995 से 99 तक राज्य की सत्ता में रहा था और उसके बाद से वे साथ में विपक्ष में हैं।
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