जयपुर:
गुलाबी नगरी में कांग्रेस के अति महत्वपूर्ण तीन दिवसीय आयोजन का रुख तय सा करते हुए पार्टी के एक महत्वपूर्ण नेता ने कहा कि इस दल की भावना राहुल गांधी को एक बड़ी और प्रभावी भूमिका देने की है, लेकिन इसके लिए राहुल पर बेवजह का दबाव नहीं बनाया जाए और उन्हें खुद तय करने दिया जाना चाहिए।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महासचिव दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस के दो दिवसीय चिंतन शिविर और उसके बाद रविवार को होने वाली कांग्रेस महासमिति की बैठक से पहले कहा, कांग्रेस सदस्यों की भावना है कि राहुल गांधी आगामी लोकसभा चुनाव से पहले एक बड़ी और प्रभावी भूमिका को स्वीकार कर लें। हालांकि उन्होंने कहा, राहुल को उनके अनुसार काम करने दें। उन्हें अपनी भूमिका स्वयं तय करने दें। इस बारे में उन पर किसी तरह का दबाव डालना जायज नहीं है। दिग्विजय ने कहा कि राहुल को तय करने दिया जाए कि वह क्या भूमिका निभाएंगे और उसे कैसे अदा करना चाहेंगे।
कांग्रेस की तीन दिवसीय बैठक से पहले दिग्विजय सिंह के इस बयान को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि बैठक के स्वरूप में पहले से ही पार्टी में पीढ़ीगत नेतृत्व परिवर्तन के संकेत दिए गए हैं।
राहुल पहले ही 2014 में होने वाले आम चुनाव की अगुवाई करने की जिम्मेदारी स्वीकार कर चुके हैं। इसके साथ ही वह युवा कांग्रेस और एनएसयूआई का कार्यभार भी देख रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के संदर्भ में दिग्विजय ने कहा कि वह पार्टी की सर्वोच्च नेता हैं और रहेंगी।
यह पहला अवसर है, जब चिंतन शिविर में आए 350 प्रतिनिधियों में से 160 एनएसयूआई और युवा कांग्रेस के है। इससे पहले इन संगठनों के प्रतिनिधियों की संख्या 5-10 से ज्यादा नहीं होती थी। दिग्विजय सिंह पार्टी की सामाजिक, आर्थिक चुनौतियों संबंधी उपसमिति के प्रमुख हैं। चिंतन शिविर में वह इस बारे में एक दस्तावेज भी पेश करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश की आबादी के स्वरूप में पिछले कुछ सालों में बहुत बड़ा बदलाव आया है।
उन्होंने कहा, इससे पहले पूरा ध्यान ग्रामीण क्षेत्रों पर होता था, लेकिन अब बड़े पैमाने पर शहरी क्षेत्रों के विस्तार और शहरी मतदाता और मध्यवर्ग की बढ़ोतरी होने से युवाओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। दिग्विजय ने कहा, इस समय देश में युवा बहुमत में हैं। 14 वर्ष से कम आयु वर्ग के लोगों की आबादी सर्वाधिक है। देश का स्वरूप युवाओं का है। इसलिए आगे आने वाला जमाना और नेतृत्व भी युवाओं का है। इस सवाल पर कि 2014 में होने वाले आगामी लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के नए मित्र दलों और सहयोगियों में कौन-कौन शामिल होंगे, उन्होंने सीधा जवाब देने से बचते हुए कहा कि इसे देखने के लिए उपसमिति पहले ही गठित की जा चुकी है, जिसका नेतृत्व पार्टी के वरिष्ठ नेता एके एंटनी कर रहे हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महासचिव दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस के दो दिवसीय चिंतन शिविर और उसके बाद रविवार को होने वाली कांग्रेस महासमिति की बैठक से पहले कहा, कांग्रेस सदस्यों की भावना है कि राहुल गांधी आगामी लोकसभा चुनाव से पहले एक बड़ी और प्रभावी भूमिका को स्वीकार कर लें। हालांकि उन्होंने कहा, राहुल को उनके अनुसार काम करने दें। उन्हें अपनी भूमिका स्वयं तय करने दें। इस बारे में उन पर किसी तरह का दबाव डालना जायज नहीं है। दिग्विजय ने कहा कि राहुल को तय करने दिया जाए कि वह क्या भूमिका निभाएंगे और उसे कैसे अदा करना चाहेंगे।
कांग्रेस की तीन दिवसीय बैठक से पहले दिग्विजय सिंह के इस बयान को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि बैठक के स्वरूप में पहले से ही पार्टी में पीढ़ीगत नेतृत्व परिवर्तन के संकेत दिए गए हैं।
राहुल पहले ही 2014 में होने वाले आम चुनाव की अगुवाई करने की जिम्मेदारी स्वीकार कर चुके हैं। इसके साथ ही वह युवा कांग्रेस और एनएसयूआई का कार्यभार भी देख रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के संदर्भ में दिग्विजय ने कहा कि वह पार्टी की सर्वोच्च नेता हैं और रहेंगी।
यह पहला अवसर है, जब चिंतन शिविर में आए 350 प्रतिनिधियों में से 160 एनएसयूआई और युवा कांग्रेस के है। इससे पहले इन संगठनों के प्रतिनिधियों की संख्या 5-10 से ज्यादा नहीं होती थी। दिग्विजय सिंह पार्टी की सामाजिक, आर्थिक चुनौतियों संबंधी उपसमिति के प्रमुख हैं। चिंतन शिविर में वह इस बारे में एक दस्तावेज भी पेश करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश की आबादी के स्वरूप में पिछले कुछ सालों में बहुत बड़ा बदलाव आया है।
उन्होंने कहा, इससे पहले पूरा ध्यान ग्रामीण क्षेत्रों पर होता था, लेकिन अब बड़े पैमाने पर शहरी क्षेत्रों के विस्तार और शहरी मतदाता और मध्यवर्ग की बढ़ोतरी होने से युवाओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। दिग्विजय ने कहा, इस समय देश में युवा बहुमत में हैं। 14 वर्ष से कम आयु वर्ग के लोगों की आबादी सर्वाधिक है। देश का स्वरूप युवाओं का है। इसलिए आगे आने वाला जमाना और नेतृत्व भी युवाओं का है। इस सवाल पर कि 2014 में होने वाले आगामी लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के नए मित्र दलों और सहयोगियों में कौन-कौन शामिल होंगे, उन्होंने सीधा जवाब देने से बचते हुए कहा कि इसे देखने के लिए उपसमिति पहले ही गठित की जा चुकी है, जिसका नेतृत्व पार्टी के वरिष्ठ नेता एके एंटनी कर रहे हैं।
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