किसान विधेयकों के (Agriculture Bills) मुद्दे पर केंद्र सरकार को कुछ राज्यों के किसानों के तीखे विरोध का सामना करना पड़ रहा है. पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में इन विधेयकों का काफी विरोध हो रहा है. NDA में बीजेपी के सबसे पुराने सहयोगी शिरोमणि अकाली दल (SAD) के कोटे से मंत्री हरसिमरत कौर बादल (Harsimrat Kaur Badal) ने तो इस मुद्दे पर गुरुवार को इस्तीफा दे दिया. जिसके बाद NDA के एक और सहयोगी जननायक जनता पार्टी (JJP) पर साथ छोड़ने का दबाव बढ़ रहा है. हरियाणा की प्रमुख पार्टी जेजेपी के नेता दिग्विजय सिंह चौटाला (Digvijay Chautala) ने किसान विधेयक के मुद्दे पर अपनी पार्टी का रुख स्पष्ट किया है. जेजेपी नेता ने कहा कि सबसे बड़ा मुद्दा न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP या मिनिमम सपोर्ट प्राइज) का है. उन्होंने साफ कहा कि इस मुद्दे पर कांग्रेस, कुछ स्वयंभू संगठन किसानों के बीच भ्रम फैला रहे हैं.
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शुक्रवार को पत्रकारों से चर्चा के दौरान दिग्विजय चौटाला ने कहा, कुछ समय बाद जब 25 तारीख से एमएसपी मिलनी शुरू हो जाएगी तो मैं चाहता हूं कि आप लोग (मीडिया से जुड़े लोग) इस मुद्दे को उठाए ताकि भ्रम की स्थिति दूर हो. उन्होंने साफ कहा कि किसानों से यह हमारा कमिटमेंट है कि हम MSP की बात को नहीं गिरने देंगे.
हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा इस मुद्दे पर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के मांग को लेकर भी दिग्विजय चौटाला ने नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि हुडा ने यह मुद्दा क्यों नहीं उठाया. दिग्विजय ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने इस आंदोलन को फाइनेंस किया हुआ और हुड्डा इनसे मिले हुए हैं. उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम हुड्डा, ऐसे लोगों से मिले हुए है जो किसानों को लूटते हैं. उन्होंने कांग्रेस को जो खेल खेलना था, उसने खेल लिया, वह अब इससे बाज आ जाए, हम बहुत जल्द ही कांग्रेस को एक्सपोज करने वाले हैं.
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