धनबाद-चंद्रपुरा रेलखंड का 14 किमी सात कोयला खदानों में फैली भूमिगत आग से प्रभावित है. तस्वीर: प्रतीकात्मक
धनबाद:
सौ साल से जमीन के नीचे कोयले की खान में लगी आग के चलते झारखंड के धनबाद-चंद्रपुरा रेलखंड को 15 जून से बंद कर दिया जाएगा. यह पूरा रेलखंड 34 किलोमीटर का है. खान सुरक्षा महानिदेशालय (डीजीएमएस) के फैसले पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने मुहर लगा दी. रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक सिविल इंजीनियरिंग (पी) अनिल कुमार लहोटी की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि डीजीएमएस के निरीक्षण और अध्ययन से यह स्पष्ट है कि इस रेलखंड का 14 किमी सात कोयला खदानों में फैली भूमिगत आग से प्रभावित है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि डीजीएमएस ने यह रिपोर्ट कोयला सचिव को सौंपी थी. इसमें जान-माल की क्षति रोकने के लिए रेलखंड पर टेनों का परिचालन रोकने का सुझाव दिया गया था. कोल सचिव के जरिए यह रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को मिली. इस रिपोर्ट के मद्देनजर रेलवे बोर्ड ने इस रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन बंद करने का फैसला लिया है. हालांकि इस रेलखंड पर चलने वाली टेनों के वैकल्पिक मार्ग को लेकर अब तक कोई निर्णय नहीं हुआ है.
सोमवार को यह तय होगा कि धनबाद-चंद्रपुरा रेलखंड पर चलने वाली किन टेनों का परिचालन वाया धनबाद-गोमो-चंद्रपुरा होगा. धनबाद रेल मंडल ने सिर्फ चार टेनों का डायवर्सन वाया गोमो का प्रस्ताव दिया है. इनमें शताब्दी एक्सप्रेस, एलेप्पी, मौर्य व शक्तिपुंज शामिल हैं. अन्य लगभग 16 जोड़ी नियमित और साप्ताहिक टेनों के डायवर्सन या कैंसिलेशन पर निर्णय भी सोमवार को हो सकता है.
इससे पहले, मार्च में ही ईस्ट सेंट्रल रेलवे के जीएम डीके गायेन ने धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन को शीघ्र शिफ्ट करने की घोषणा की थी. हालांकि, उन्होंने इस रेल लाइन को बंद करने संबंधी कोई घोषणा नहीं की थी. उन्होंने कहा था कि नयी रेल लाइन बिछाने में पांच साल लग सकते हैं.
ज्ञात हो कि इस रूट से 24 पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेनें, जिसमें हावड़ा-रांची शताब्दी एक्सप्रेस, , रांची-गोरखपुर मौर्य एक्सप्रेस, गरीब रथ एक्सप्रेस, रांची-भागलपुर वांचल एक्सप्रेस शामिल हैं हर दिन गुजरती हैं. कोयले की ढुलाई करनेवाले कई रैक्स भी यहां से हर दिन गुजरते हैं.
इस रूट से गुजरनेवाली महत्वपूर्ण ट्रेनें
रिपोर्ट में कहा गया है कि डीजीएमएस ने यह रिपोर्ट कोयला सचिव को सौंपी थी. इसमें जान-माल की क्षति रोकने के लिए रेलखंड पर टेनों का परिचालन रोकने का सुझाव दिया गया था. कोल सचिव के जरिए यह रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को मिली. इस रिपोर्ट के मद्देनजर रेलवे बोर्ड ने इस रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन बंद करने का फैसला लिया है. हालांकि इस रेलखंड पर चलने वाली टेनों के वैकल्पिक मार्ग को लेकर अब तक कोई निर्णय नहीं हुआ है.
सोमवार को यह तय होगा कि धनबाद-चंद्रपुरा रेलखंड पर चलने वाली किन टेनों का परिचालन वाया धनबाद-गोमो-चंद्रपुरा होगा. धनबाद रेल मंडल ने सिर्फ चार टेनों का डायवर्सन वाया गोमो का प्रस्ताव दिया है. इनमें शताब्दी एक्सप्रेस, एलेप्पी, मौर्य व शक्तिपुंज शामिल हैं. अन्य लगभग 16 जोड़ी नियमित और साप्ताहिक टेनों के डायवर्सन या कैंसिलेशन पर निर्णय भी सोमवार को हो सकता है.
इससे पहले, मार्च में ही ईस्ट सेंट्रल रेलवे के जीएम डीके गायेन ने धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन को शीघ्र शिफ्ट करने की घोषणा की थी. हालांकि, उन्होंने इस रेल लाइन को बंद करने संबंधी कोई घोषणा नहीं की थी. उन्होंने कहा था कि नयी रेल लाइन बिछाने में पांच साल लग सकते हैं.
ज्ञात हो कि इस रूट से 24 पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेनें, जिसमें हावड़ा-रांची शताब्दी एक्सप्रेस, , रांची-गोरखपुर मौर्य एक्सप्रेस, गरीब रथ एक्सप्रेस, रांची-भागलपुर वांचल एक्सप्रेस शामिल हैं हर दिन गुजरती हैं. कोयले की ढुलाई करनेवाले कई रैक्स भी यहां से हर दिन गुजरते हैं.
इस रूट से गुजरनेवाली महत्वपूर्ण ट्रेनें
- हावड़ा-रांची शताब्दी एक्सप्रेस
- धनबाद-केरल अलप्पुझा एक्सप्रेस
- शक्तिपुंज एक्सप्रेस
- रांची-गोरखपुर मौर्य एक्सप्रेस
- रांची-भागलपुर एक्सप्रेस
- रांची-भागलपुर वनांचल एक्सप्रेस
- पटना-हटिया पाटलिपुत्र एक्सप्रेस
- रांची-कामख्या एक्सप्रेस
- रांची-दुमका इंटरसिटी
- रांची-न्यू जलपाईगुड़ी एक्सप्रेस
- कोलकाता-अहमदाबाद एक्सप्रेस
- हावड़ा-भोपाल एक्सप्रेस
- धनबाद-रांची इंटरसिटी
- धनबाद-चंद्रपुरा पैसेंजर
- धनबाद-झारग्राम पैसेंजर
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