फाइल फोटो : आईपीएस अफसर डीजी वंजारा
नई दिल्ली:
राज्यसभा में गुरुवार को जेडीयू और समाजवादी पार्टी के सांसदों ने गुजरात पुलिस के जेल में बंद अधिकारी डीजी वंजारा द्वारा नरेंद्र मोदी के खिलाफ लिखे पत्र का मुद्दा उठाते हुए जमकर हंगामा किया, जिस कारण सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
जेडीयू ने कहा है कि वंजारा की चिट्ठी के बाद मोदी के खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर भी चर्चा की मांग होती रही। बाद में लेफ्ट के साथ जेडीयू और सपा ने सदन से वॉकआउट किया।
सुबह 11 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई जेडीयू और सपा सदस्यों ने इस मुद्दे को उठाना शुरू कर दिया। विपक्ष के विरोध के चलते कार्यवाही में व्यवधान पहुंचने पर उप सभापति पीजे कुरियन ने सदन को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया।
आईपीएस अफसर डीजी वंजारा पर तीन फर्जी मुठभेड़ों का मामला दर्ज है और वह इसी संबंध में जेल में बंद हैं। उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री से धोखा मिलने की बात कहते हुए मंगलवार को अपना इस्तीफा सौंपा था। वंजारा ने एक पत्र लिखकर नरेंद्र मोदी और गुजरात के पूर्व मंत्री अमित शाह पर फर्जी मुठभेड़ों में कथित आतंकवादियों को मार गिराए जाने की स्वीकृति देने की बात कही थी।
सीपीएम का कहना है कि यह सिर्फ एक राज्य का नहीं, बल्कि पूरे देश का मुद्दा है और इस पर संसद में बहस होनी चाहिए।
बीएसपी नेता मायावती ने वंजारा की चिट्ठी को गंभीर मामला बताते हुए संसद के दोनों सदनों में चर्चा की मांग की है। इधर, शिवसेना वंजारा के मुद्दे पर पूरी तरह से बीजेपी के साथ उतर आई है। शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि वंजारा पिछले कई साल से जेल में हैं, इसलिए वह अपना संतुलन खो बैठे हैं।
(इनपुट एजेंसियों से भी)
जेडीयू ने कहा है कि वंजारा की चिट्ठी के बाद मोदी के खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर भी चर्चा की मांग होती रही। बाद में लेफ्ट के साथ जेडीयू और सपा ने सदन से वॉकआउट किया।
सुबह 11 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई जेडीयू और सपा सदस्यों ने इस मुद्दे को उठाना शुरू कर दिया। विपक्ष के विरोध के चलते कार्यवाही में व्यवधान पहुंचने पर उप सभापति पीजे कुरियन ने सदन को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया।
आईपीएस अफसर डीजी वंजारा पर तीन फर्जी मुठभेड़ों का मामला दर्ज है और वह इसी संबंध में जेल में बंद हैं। उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री से धोखा मिलने की बात कहते हुए मंगलवार को अपना इस्तीफा सौंपा था। वंजारा ने एक पत्र लिखकर नरेंद्र मोदी और गुजरात के पूर्व मंत्री अमित शाह पर फर्जी मुठभेड़ों में कथित आतंकवादियों को मार गिराए जाने की स्वीकृति देने की बात कही थी।
सीपीएम का कहना है कि यह सिर्फ एक राज्य का नहीं, बल्कि पूरे देश का मुद्दा है और इस पर संसद में बहस होनी चाहिए।
बीएसपी नेता मायावती ने वंजारा की चिट्ठी को गंभीर मामला बताते हुए संसद के दोनों सदनों में चर्चा की मांग की है। इधर, शिवसेना वंजारा के मुद्दे पर पूरी तरह से बीजेपी के साथ उतर आई है। शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि वंजारा पिछले कई साल से जेल में हैं, इसलिए वह अपना संतुलन खो बैठे हैं।
(इनपुट एजेंसियों से भी)
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