डीजी वंजारा की फाइल फोटो
अहमदाबाद:
सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ मामले में आरोपी गुजरात के पूर्व डीआईजी डी.जी. वंजारा ने गुजरात सरकार को एक और चिट्ठी लिखी है और गुजरात सरकार पर आरोपी पुलिस अफसरों के प्रमोशन में भेदभाव का आरोप लगाया है।
वंजारा ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि राजस्थान सरकार ने इसी मामले में आरोपी और जमानत पर रिहा पुलिस अफसरों को उनके हक के मुताबिक प्रमोशन दे दिया है लेकिन गुजरात सरकार उनके साथ भेदभाव कर रही है।
हाल ही में डीजीपी पद पर प्रमोट हुई गीता जौहरी को जिक्र करके कहा है कि एडीजीपी पी.पी. पांडे उनसे सीनियर हैं और दोनों ही अलग मामलों में आरोपी हैं और पी.पी. पांडे जमानत पर रिहा हैं, ऐसे में पी.पी. पांडे को सुपरसीड करके जौहरी को प्रमोट करना गैरकानूनी है।
वंजारा ने आरोप लगाया है कि ये परदे के पीछे से किसी राजनैतिक हस्ती के इशारे पर हो रहा है। सीधे-सीधे बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का नाम लेते हुए वंजारा ने कहा है कि गुजरात के पूर्व गृह मंत्री अमित शाह, गुजरात के पूर्व पूलिस मुखिया पी.सी. पांडे और गीता जौहरी गुजरात पुलिस के अधिकारीयों और कर्मचारीयों की मुसीबतों के लिये जिम्मेदार हैं। वंजारा ने मांग की है कि उनके और पी.पी. पांडे समेत 16 पुलिस अधिकारीयों और कर्मचारीयों को प्रमोशन मिलना चाहीए।
उन्होंने कहा है कि राजनैतिक ताकतें पिछले 8 सालों से इन पुलिसकर्मीयों के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार कर रही हैं और प्रमोशन के लिये बनी कमेटियां महज कागज पर ही हैं और असली फैसले ये ताकतें ही लेती हैं। गुजरात सरकार इस मुद्दे पर चुप है, अमित शाह से उनके जवाब के लिये कोशिश की गई लेकिन उन तक नहीं पहुंचा जा सका।
महत्वपूर्ण है कि इससे पहले भी जब वंजारा जेल में थे तब भी उन्होंने एक पत्र लिखकर गुजरात सरकार से नाराजगी जताई थी। उस वक्त वंजारा ने नरेंद्र मोदी को अपना आदर्श बताया था और अमित शाह के खिलाफ नाराजगी प्रकट की थी।
इसके अलावा वंजारा ने एक तरह से ये भी कहा है कि अमित शाह, पी.सी. पांडे और गीता जौहरी सोहराबुद्दीन मामले में आरोपमुक्त भले हुए हों लेकिन बरी नहीं हुए हैं, और उन्हें कभी भी कोर्ट के सामने दोबारा आरोपी के तौर पर बुलाया जा सकता है। फिलहाल वंजारा जमानत पर रिहा हैं और मुंबई में रह रहे हैं।
वंजारा ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि राजस्थान सरकार ने इसी मामले में आरोपी और जमानत पर रिहा पुलिस अफसरों को उनके हक के मुताबिक प्रमोशन दे दिया है लेकिन गुजरात सरकार उनके साथ भेदभाव कर रही है।
हाल ही में डीजीपी पद पर प्रमोट हुई गीता जौहरी को जिक्र करके कहा है कि एडीजीपी पी.पी. पांडे उनसे सीनियर हैं और दोनों ही अलग मामलों में आरोपी हैं और पी.पी. पांडे जमानत पर रिहा हैं, ऐसे में पी.पी. पांडे को सुपरसीड करके जौहरी को प्रमोट करना गैरकानूनी है।
वंजारा ने आरोप लगाया है कि ये परदे के पीछे से किसी राजनैतिक हस्ती के इशारे पर हो रहा है। सीधे-सीधे बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का नाम लेते हुए वंजारा ने कहा है कि गुजरात के पूर्व गृह मंत्री अमित शाह, गुजरात के पूर्व पूलिस मुखिया पी.सी. पांडे और गीता जौहरी गुजरात पुलिस के अधिकारीयों और कर्मचारीयों की मुसीबतों के लिये जिम्मेदार हैं। वंजारा ने मांग की है कि उनके और पी.पी. पांडे समेत 16 पुलिस अधिकारीयों और कर्मचारीयों को प्रमोशन मिलना चाहीए।
उन्होंने कहा है कि राजनैतिक ताकतें पिछले 8 सालों से इन पुलिसकर्मीयों के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार कर रही हैं और प्रमोशन के लिये बनी कमेटियां महज कागज पर ही हैं और असली फैसले ये ताकतें ही लेती हैं। गुजरात सरकार इस मुद्दे पर चुप है, अमित शाह से उनके जवाब के लिये कोशिश की गई लेकिन उन तक नहीं पहुंचा जा सका।
महत्वपूर्ण है कि इससे पहले भी जब वंजारा जेल में थे तब भी उन्होंने एक पत्र लिखकर गुजरात सरकार से नाराजगी जताई थी। उस वक्त वंजारा ने नरेंद्र मोदी को अपना आदर्श बताया था और अमित शाह के खिलाफ नाराजगी प्रकट की थी।
इसके अलावा वंजारा ने एक तरह से ये भी कहा है कि अमित शाह, पी.सी. पांडे और गीता जौहरी सोहराबुद्दीन मामले में आरोपमुक्त भले हुए हों लेकिन बरी नहीं हुए हैं, और उन्हें कभी भी कोर्ट के सामने दोबारा आरोपी के तौर पर बुलाया जा सकता है। फिलहाल वंजारा जमानत पर रिहा हैं और मुंबई में रह रहे हैं।
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