न्यूयॉर्क में भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े की गिरफ्तारी से उपजा राजनयिक विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। भारत ने बुधवार को अमेरिका पर 'धोखाधड़ी' का आरोप लगाया और कहा कि राजनयिक को एक साजिश के तहत फंसाया गया है।
उप महा वाणिज्य दूत देवयानी खोबरागड़े की गिरफ्तारी को लेकर उठा आक्रोश जारी है और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पूरे मामले पर अपनी पहली टिप्पणी में भारतीय राजनयिक के साथ किए गए व्यवहार को निंदनीय बताया। इस बीच, देवयानी को पूर्ण राजनयिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के भारतीय मिशन में स्थानांतरित कर दिया गया है।
विदेशमंत्री सलमान खुर्शीद ने संसद में खोबरागड़े के बारे में बताया, वह निर्दोष हैं..उन्होंने कुछ गलत नहीं किया, बल्कि उनके साथ जो हुआ, वह गलत था। इस वर्ष जून-जुलाई में शुरू हुए घटनाक्रम का ब्योरा देते हुए खुर्शीद ने बताया कि देवयानी की मेड लापता हो गई थी और न्यूयॉर्क पुलिस विभाग में मामला दर्ज कराया गया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
खुर्शीद ने कहा, उप महा वाणिज्य दूत को (बाद में) एक वकील का फोन आया, जिसने अपनी पहचान बताने से इनकार करते हुए मामले को सुलटाने की पेशकश करते हुए उन्हें स्थायी नागरिकता और भारी हर्जाना देने की बात कही। इससे यह स्पष्ट है कि यह एक साजिश थी और कुछ लोगों ने उन्हें फंसाया। उन्होंने कहा कि खोबरागड़े के साथ जो व्यवहार किया गया, वह इत्तफाकन नहीं था और इसके पीछे एक 'इतिहास' रहा है।
उल्लेखनीय है कि खोबरागड़े की मेड संगीता रिचर्ड्स के परिवार को अमेरिकी दूतावास ने वीजा दिया, हालांकि भारत उसके लापता होने और जून में उसका सरकारी पासपोर्ट रद्द किए जाने के समय से ही अमेरिकी अधिकारियों के संपर्क में था। उसका परिवार - संगीता का पति फिलिप और दो बच्चे 10 दिसंबर को न्यूयॉर्क के लिए रवाना हुए और इसके दो दिन बाद खोबरागड़े को गिरफ्तार कर लिया गया। मेड के परिवार के यहां से जाने और भारतीय राजनयिक की गिरफ्तारी के समय को देखते हुए यह समझ में आता है कि इस सब के पीछे एक पहेली की तीन कड़ियां हैं।
यहां यह बताना भी जरूरी है कि भारत ने स्पष्ट कर दिया था कि संगीता और उसके परिवार के अवैध आव्रजन का जोखिम है, इसके बावजूद अमेरिकी अधिकारियों ने वीजा धोखाधड़ी में मदद की। अधिकारियों में इस बात को लेकर भी विरोध है कि भारतीय मिशन ने सितंबर में अमेरिकी विभाग को खोबरागड़े के खिलाफ एक भारतीय नागरिक द्वारा अभद्र व्यवहार किए जाने की लिखित सूचना दी थी, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस बीच, खोबरागड़े को संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में स्थानांतरित कर दिया गया, ताकि उन्हें पूर्ण राजनयिक सुरक्षा मिल सके।
लोकसभा और राज्यसभा में इस मामले में स्वत: बयान देते हुए खुर्शीद ने खोबरागड़े के साथ किए गए व्यवहार की भर्त्सना की और अमेरिका सरकार की कार्रवाई को अवांछनीय करार दिया। खुर्शीद ने जोर देकर कहा कि भारत अपने उप महा वाणिज्य दूत की गरिमा बहाल करने और उनकी वापसी सुनिश्चित करने के लिए कारगर कदम उठाएगा, क्योंकि यह देश की प्रतिष्ठा और सम्मान से जुड़ा मामला है।
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