उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मंगलवार को गोरखपुर में 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं के लोकार्पण को पूर्वांचल के विकास के लिए मील का पत्थर करार देते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने कभी असंभव समझे गए कार्य को संभव कर दिखाया है. योगी ने प्रधानमंत्री द्वारा गोरखपुर एम्स, उर्वरक कारखाने और आईसीएमआर के क्षेत्रीय केंद्र का लोकार्पण किए जाने के अवसर पर अपने संबोधन में कहा, "आज का यह कार्यक्रम पूर्वी उत्तर प्रदेश के उस सपने को साकार करने जैसा है, जो विपक्ष के लिए असंभव हो गया था."
उन्होंने उर्वरक कारखाने का जिक्र करते हुए कहा, "तीन दशकों तक जिसके लिए पांच सरकारों ने हामी भरने के बाद अंततः जिसे असंभव बनाया था उसे संभव बनाने का कार्य आज साकार रूप में न सिर्फ पूर्वी उत्तर प्रदेश बल्कि पूरा देश देख रहा है." मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखपुर का उर्वरक कारखाना 10 जून 1990 को बंद हुआ था. उसके बाद से 24 वर्षों तक किसी ने भी उसकी सुध नहीं ली. वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोरखपुर आकर इस कारखाने का शिलान्यास किया था. पहले से ही गोरखपुर में स्थित उर्वरक कारखाने के स्थान पर बना यह नया कारखाना पहले की तुलना में चार गुना ज्यादा क्षमता है.
उन्होंने कहा कि गोरखपुर और पूर्वी उत्तर प्रदेश को बीमारियों का गढ़ माना जाता था. यहां 40 वर्षों तक लगातार हजारों बच्चों की मौतें इंसेफेलाइटिस से हुई लेकिन केंद्र और राज्य की तत्कालीन सरकारें तमाशबीन बनी रहती थीं. पहली बार देश के प्रति संवेदना और भारत को आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने के सपने को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री ने जगह-जगह जो कार्य शुरू किया उसके तहत गोरखपुर में एम्स बनाया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि आज यहां लोकार्पित हुई योजनाएं देश की खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य सुरक्षा की गारंटी देने वाले आत्मनिर्भर भारत की एक नयी तस्वीर प्रस्तुत कर रही हैं.
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