‘द कश्मीर फाइल्स' के निर्माताओं को समर्थन देने को लेकर भाजपा पर निशाना साधते हुए जम्मू-कश्मीर कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी सात साल से अधिक सरकार में रहने के बावजूद कश्मीरी पंडितों की वापसी और उनके पुनर्वास के लिए कुछ करने में विफल रही है. हाल ही में प्रदर्शित फिल्म कश्मीर घाटी से नब्बे के दशक में कश्मीरी पंडितों के पलायन पर आधारित है.
जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख प्रवक्ता रवीन्द्र शर्मा ने कहा, ‘‘केंद्र में भाजपा-नीत सरकार विस्थापित कश्मीरी पंडित समुदाय की दुश्वारियों और हत्याओं के पाप से खुद का पीछा नहीं छुड़ा सकती. दुर्भाग्यवश, मौजूदा सरकार सात साल से अधिक समय से सत्ता में है, लेकिन वह उनकी (कश्मीरी पंडितों की) वापसी और पुनर्वास के लिए कोई महत्वपूर्ण पहल नहीं कर सकी है.''
उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडित समुदाय को सभी योजनाएं और पैकेज मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार में दिए गए थे, जिसे मौजूदा सरकार बहुत ही धीमी गति से आगे बढ़ा रही है.
शर्मा ने कहा, ‘‘वोट हासिल करने के इरादे से करोड़ों देशवासियों से सहानुभूति प्राप्त करने के वास्ते केवल घड़ियाली आंसू बहाने के अलावा उनके (कश्मीरी पंडितों के) लिए भाजपा के पास कुछ भी नया नहीं है.''
उन्होंने कहा कि भाजपा-नीत सरकार कश्मीर में अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों और भारत-समर्थित ताकतों की लक्षित हत्या और निरंतर हिंसा की जिम्मेदारी से पीछा नहीं छुड़ा सकती.
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