नोटबंदी के 2 साल पर बोली कांग्रेस : 35 लाख नौकरियां और 105 जानें गईं, नोटों की छपाई पर खर्च हुए 8 हजार करोड़

देश में नोटबंदी (Demonetisation in india 2016) के दो साल पूरे होने पर कांग्रेस ने इसके कथित नुकसानों का आंकड़ा पेश किया है. आठ नवंबर को पीएम मोदी ने ( PM Modi) ने नोटबंदी की थी.

नोटबंदी के 2 साल पर बोली कांग्रेस : 35 लाख नौकरियां और 105 जानें गईं, नोटों की छपाई पर खर्च हुए 8 हजार करोड़

नोटबंदी के दौरान की फाइल फोटो.

नई दिल्ली:

दो साल पहले आठ नवंबर (Demonetisation in india 2016) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ( PM Narendra Modi) ने नोटबंदी की थी. इस लिहाज से यह भारतीय अर्थव्यवस्था के इतिहास में एक खास दिन के तौर पर दर्ज है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसी दिन रात आठ बजे दूरदर्शन के जरिए देश को संबोधित करते हुए 500 और 1000 के नोट बंद(Demonetization) करने का एलान किया था. नोटबंदी( Notbandi)  की यह घोषणा उसी दिन आधी रात से लागू हो गई. इससे कुछ दिन देश में अफरातफरी का माहौल रहा और बैंकों के बाहर लंबी कतारें लगी रहीं. बाद में 500 और 2000 के नए नोट जारी किए गए.  कांग्रेस ने नोटबंदी के दो साल पूरे होने पर हैशटैग #NotebandiKiDoosriBarsi ( नोटबंदी की बरसी) से कई ट्वीट किए. नोटबंदी की देश को कितनी कीमत चुकानी पड़ी, इसको ट्वीट से बताते हुए कहा, नोटबंदी ने 3.5 मिलियन(35 लाख) नौकरियां छीनीं, 15 मिलियन(1.5 करोड़) श्रम बल का नुकसान किया और देश की जीडीपी को 1.5 प्रतिशत का नुकसान. आठ हजार करोड़ नोटों की छपाई पर खर्च हुए. वहीं पीएम मोदी के नोटबंदी स्टंट ने 105 जानें लीं.

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एक अन्य ट्वीट में कांग्रेस ने लिखा- न काले धन पर लगी लगाम,नकली मुद्रा-टेरर फंडिंग जारी है.नोटबंदी का सच जनता ने जाना, भुगतान की अब तुम्हारी बारी है. एक अन्य ट्वीट में लिखा- नोटबंदी से मोदी जी ने, किया ये गड़बड़झाला. सौ से ज्यादा परिवारों में, अंधकार कर डाला. कांग्रेस ने कहा कि नोटबंदी के दो साल होने पर वह शुक्रवार को राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन करेगी. पार्टी ने कहा है कि अर्थव्यवस्था को बर्बाद और तहस-नहस करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लोगों से माफी मांगनी चाहिए. कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि दो साल पहले नोटबंदी के तुगलकी फरमान से देश की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह तबाह करने के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करने के लिए कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता सड़कों पर उतरेंगे. 
 


मनीष तिवारी ने कहा कि दो साल पहले आठ नवंबर को प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए तकरीबन 16.99 लाख करोड़ रुपये मूल्य की मुद्रा को चलन से बाहर कर दिया.    उस तुगलकी फरमान के लिए तीन कारण दिए गए थे कि इससे काले धन पर रोक लगेगी, जाली मुद्रा बाहर होगी और आतंकवाद को वित्तीय सहायता मिलनी बंद हो जाएगी लेकिन दो साल बाद इनमें से कोई लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया.  
 
मनीष तिवारी ने कहा कि आज भारतीय अर्थव्यवस्था में आठ नवंबर 2016 की तुलना में चलन में ज्यादा नकदी है. कांग्रेस आठ नवंबर 2018 को मांग करेगी कि भारतीय अर्थव्यस्था को बर्बाद तथा तहस-नहस करने के लिए प्रधानमंत्री को देश के लोगों से माफी मांगनी चाहिए. यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे, उन्होंने कहा कि सभी नेता और कार्यकर्ता हिस्सा लेंगे. 



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