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This Article is From Nov 17, 2016

विमुद्रीकरण के खिलाफ कार्रवाई पर स्थगन के लिए उच्चतम न्यायालय पहुंचा केन्द्र

विमुद्रीकरण के खिलाफ कार्रवाई पर स्थगन के लिए उच्चतम न्यायालय पहुंचा केन्द्र
प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने 500 और एक हजार रुपये के करेंसी नोटों के विमुद्रीकरण के आठ नवंबर के अपने फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय को छोड़कर विभिन्न उच्च न्यायालयों और अन्य अदालतों में दायर मामलों की सुनवाई पर स्थगन लगाने की केन्द्र की ताजा याचिका पर कल सुनवाई करने पर आज सहमति दे दी.

न्यायमूर्ति एआर दवे और न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की पीठ ने केन्द्र की तरफ से पेश एटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी की दलील पर सहमति जता दी कि शीर्ष न्यायालय को छोड़कर विभिन्न अदालतों में कार्रवाई से बहुत भ्रम पैदा होगा.

पीठ ने 15 नवंबर को विमुद्रीकरण की सरकार की अधिसूचना पर स्थगन लगाने से इनकार कर दिया लेकिन सरकार से कहा कि वह आमजन की तकलीफों को कम करने के कदम बताए.

उच्चतम न्यायालय में दायर चार जनहित याचिकाओं में से दो दिल्ली आधारित वकीलों विवेक नारायण शर्मा और संगम लाल पांडेय ने दायर की हैं जबकि एस मुथुकुमार और आदिल अलवी ने एक-एक याचिका दायर की है.

याचिकाकर्ताओं के आरोप हैं कि अचानक किए गए फैसले से अव्यवस्था पैदा हो गई है और आम लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने मांग की है कि वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग की अधिसूचना या तो निरस्त की जाए या कुछ समय के लिए टाली जाए.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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