 
                                            शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (फाइल फोटो)
                                                                                                                        
                                        
                                        
                                                                                मुंबई: 
                                        शिवसेना ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि नोटबंदी को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की ओर से की गई टिप्पणी से बैंकिंग व्यवस्था की ‘विश्वसनीयता’ पर सवाल खड़े होते हैं.
उसने यह भी कहा कि नोटबंदी के फैसले की अर्थव्यवस्था को भारी कीमत चुकानी पड़ रही है और नीति के क्रियान्वयन ‘पूरी तरह से कुप्रबंधन’ रहा है. केंद्र एवं महाराष्ट्र में भाजपा की सहयोगी शिवसेना के सांसदों के एक शिष्टमंडल ने भारतीय रिजर्व बैंक के उप गवर्नर आर गांधी को एक ज्ञापन सौंपकर आग्रह किया कि 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों के चलन से बाहर होने के कारण मची ‘अफरा-तफरी’ को कम करने के लिए ‘सक्रिय कदम’ उठाये जायें.
उत्तर पूर्व मुंबई से शिवसेना के सांसद गजानन किरतीकर ने कहा, ‘हमें बताया गया कि आरबीआई नोटों की छपाई को तेज करने के लिए कदम उठा रहा है ताकि नकदी की कमी नहीं हो.’
अपने ज्ञापन में शिवसेना के सांसदों ने संसद में मनमोहन सिंह के बयान का हवाला देते हुए कहा, ‘पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की टिप्पणी से बैंकिंग व्यवस्था की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े होते हैं जैसा कि सिंह ने सवाल किया था कि ऐसे किसी देश का नाम बताया जाये जहां के लोग अपने पैसे जमा कराते हैं, लेकिन निकाल नहीं सकते.’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
                                                                        
                                    
                                उसने यह भी कहा कि नोटबंदी के फैसले की अर्थव्यवस्था को भारी कीमत चुकानी पड़ रही है और नीति के क्रियान्वयन ‘पूरी तरह से कुप्रबंधन’ रहा है. केंद्र एवं महाराष्ट्र में भाजपा की सहयोगी शिवसेना के सांसदों के एक शिष्टमंडल ने भारतीय रिजर्व बैंक के उप गवर्नर आर गांधी को एक ज्ञापन सौंपकर आग्रह किया कि 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों के चलन से बाहर होने के कारण मची ‘अफरा-तफरी’ को कम करने के लिए ‘सक्रिय कदम’ उठाये जायें.
उत्तर पूर्व मुंबई से शिवसेना के सांसद गजानन किरतीकर ने कहा, ‘हमें बताया गया कि आरबीआई नोटों की छपाई को तेज करने के लिए कदम उठा रहा है ताकि नकदी की कमी नहीं हो.’
अपने ज्ञापन में शिवसेना के सांसदों ने संसद में मनमोहन सिंह के बयान का हवाला देते हुए कहा, ‘पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की टिप्पणी से बैंकिंग व्यवस्था की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े होते हैं जैसा कि सिंह ने सवाल किया था कि ऐसे किसी देश का नाम बताया जाये जहां के लोग अपने पैसे जमा कराते हैं, लेकिन निकाल नहीं सकते.’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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