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पूर्वी राजस्थान और पश्चिमी मध्यप्रदेश के पिछड़े इलाकों के लिए वरदान
दोनों महानगरों के बीच 106 किमी की दूरी कम होगी
दिल्ली-मुंबई के बीच राजधानी एक्सप्रेस को सफर में लगते हैं 14 से 16 घंटे
नया एक्सप्रेस-वे बनने से दोनों महानगरों के बीच 106 किमी की दूरी कम होगी. यहीं नहीं यह एक्सप्रेस-वे पूर्वी राजस्थान और पश्चिमी मध्यप्रदेश के पिछड़े और आदिवासी इलाकों के लिए भी एक वरदान साबित होगा. यह एक्सप्रेस-वे इन्हीं इलाकों से गुजरेगा. सरकार का मानना है कि यहां की आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी और क्षेत्र का कायाकल्प हो जाएगा.
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केंद्र सरकार के मुताबिक एक्सप्रेस वे बनाने में भूमि अधिग्रहण एक बड़ी समस्या होती है लिहाजा नए एक्सप्रेस-वे की परिकल्पना पर काम किया जा रहा है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि मौजूदा हाईवे को एक्सप्रेस वे बनाने के लिए भूमि अधिग्रहण में करीब 7 से 8 करोड़ प्रति हेक्टेयर खर्च आता है. लेकिन नया मार्ग करीब 10 फीसदी खर्च से ही बनाया जा सकता है.
गौरतलब है कि दिल्ली से मुंबई के बीच राजधानी एक्सप्रेस 14 से 16 घंटे का समय लेती है, जबकि दूरी है करीब 1400 किलोमीटर.
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