उत्तर-पूर्वी दिल्ली के गोकुलपुरी इलाके (Gokulpuri market) में फरवरी में हुई हिंसा (Delhi Violence)में मार्केट की 224 दुकानों में से 97 को लूटने के बाद जला दिया गया था. पांच माह के अंतराल के बाद सरकारी मदद के बिना ये दुकानें दुबारा खुल गईं. सामाजिक संस्थाओं ने मदद की और दुकानदारों ने पाई-पाई जोड़कर आखिरकार दुकानें दुबारा तैयार कीं. अब ये बाजार फिर गुलजार हो गया. पांच माह पहले दिल्ली में भड़की हिंसा में गोकुलपुरी का टायर और ऑटो पार्ट्स का मार्केट (Tyre-Autoparts market) तबाह हो गया था.
दुकान के हिंसा की भेंट चढ़ने से फजलुर्रहमान उर्फ फज्जू मास्टर की ज़िंदगी के पहिये थम से गए थे, लेकिन 5 महीने बाद पहियों का कारोबार फिर पटरी पर आया है. फज्जू मास्टर की गोकलपुरी के इस टायर मार्केट में टायर की 4 दुकानें थीं. दिल्ली दंगों में लूटपाट के बाद दुकानों में आग लगा दी गई थी. आग बुझाने के चक्कर में फज्जू का पैर तक जल गया था. अब तक उन्हें कोई सरकारी मुआवजा नहीं मिला, लेकिन सामाजिक संस्थाओं की मदद और अपनी जमापूंजी के सहारे उन्होंने दुकानों की मरम्मत कराई और फिर दुकान शुरू कर दी.
फज्जू मास्टर की बगल में मोहम्मद अकरम की दुकान है. सरकारी मुआवजा अभी तक नहीं मिला है लेकिन उन्होंने 5 महीने बाद टायार की दुकान फिर खोलकर नई शुरुआत की है. इसी बाजार में शहाबुद्दीन की ऑटो पार्ट्स की ये दुकान है. उनकी दुकान को लूटकर आग के हवाले कर दिया गया था.शहाबुद्दीन कहते हैं कि थाना गोकलपुरी इस मार्केट के बगल में है, फिर भी दंगाई यहां तीन दिन तक लूटपाट और आगजनी करते रहे. किसी तरह इन लोगों का कारोबार तो शुरू हो गया लेकिन इन्हें अब भी सरकारी मुआवजे और दंगाइयों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का इंतज़ार है.
दिल्ली हिंसा के बाद दिलों के बीच बनी खाई पाटने की कोशिश
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