निज़ामद्दीन में तबलीग़ी जमात के जिस मरकज़ से कोरोना का सबसे ज्यादा संक्रमण हुआ, उसका रविवार को क्राइम ब्रांच ने दौरा किया और मरकज़ से जुड़े दस्तावेज भी ज़ब्त किए. वहीं मोबाइल डंप डाटा के ज़रिए ऐसे सभी लोगों का पता लगाया जा रहा है जो मार्च के महीने में मरकज़ में आए थे. दिल्ली पुलिस ने मरकज़ के मौलाना मोहमद साद समेत 7 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है,मौलाना खुद को क्वारेंटीन में बताकर गायब है, लेकिन रविवार को मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच की टीम पूरी तैयारी के साथ मरकज़ पहुँची,साथ में एफएसएल रोहिणी की फोरेंसिक एक्सपर्ट की टीम भी थी.
पुलिस ने मरकज़ से कई दस्तावेज बरामद किए और फोरेंसिक एक्सपर्ट ने पूरी इमारत का दौरा करते वक्त वीडियोग्राफी भी करवाई,जहां पता चला कि इमारत में नीचे 2 बड़े बेसमेंट भी हैं, जहां हज़ारों लोगों के रुकने की व्यवस्था है. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मरकज़ में आए लोगों की मैपिंग करने के लिए इस इलाके का मार्च महीने का मोबाइल का डंप डेटा लिया है. डंप डाटा में मरकज़ या उसके आसपास सभी ऐक्टिव मोबाइल के डिटेल हैं. जिन मोबाइल फोन की लोकेशन यहां लंबे समय तक आ रही थी उनके यूज़र से सपंर्क किया जा रहा है. संपर्क करने के बाद उनसे पूछा जा रहा है कि क्या वो मरकज़ के अंदर थे. एयरफोर्स के एक अधिकारी और उसके संपर्क में आये लोगों को ऐसे ही पहचाना गया है. इस तरह से यहां आए सैकड़ों लोगों की पहचान की जा रही है.
ये कार्रवाई इसलिए जारी है जिससे यहां आए लोगों को पहचानकर उन्हें अलग किया जाए और इनसे कोरोना का संक्रमण आगे न बढ़े. वहीं मरकज़ में आए 9 मलेशियाई नागरिकों को एयरपोर्ट पर रोक लिया गया, जो गुपचुप तरीके से एक विशेष मलेशियाई राहत विमान से अपने देश जाने वाले थे.
Video: तबलीगी जमात के कोरोना मामलों पर आरिफ मोहम्मद खान ने NDTV से की खास बातचीत
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