सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में आज दिल्ली और NCR के वायु प्रदूषण (Delhi NCR Air Pollution) मामले पर सुनवाई हुई. जहां कोर्ट को बताया गया कि स्मॉग टॉवर परियोजना (Smog Tawar Scheme) का काम जल्द रही शुरू हो जाएगा और 10 महीने में इसे पूरा कर लिया जाएगा. सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया है कि आईआईटी बॉम्बे स्मॉग टॉवर परियोजना की देखरेख करेगा. NBCC इसका निर्माण करेगा और TATA स्थापना को देखेगा. इसमें 10 महीने लगेंगे और अब फाउंडेशन का काम शुरू हो जाएगा. इससे पहले शीर्ष अदालत ने संकेत दिया था कि अगर वे स्मॉग टॉवर परियोजना से बाहर निकलते हैं तो अदालत आईआईटी बॉम्बे के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करेगी. मामले की सुनवाई अगले सोमवार को होगी. केंद्र इस मामले में कोर्ट को पूरी समय सीमा की जानकारी देगा.
दिल्ली NCR में वायु प्रदूषण: सुप्रीम कोर्ट ने स्मॉग टावर न लगने पर फिर जताई नाराजगी
बता दें कि पिछली सुनवाई ने सुप्रीम कोर्ट ने स्माग टावर ना लगने पर नाराजगी जताई थी. कोर्ट ने कहा कि आदेश के बावजूद अभी तक टावर क्यों नहीं लगे हैं. नाराज जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा था कि हम इसकी अनुमति नहीं देंगे. आपको हमारे सभी प्रश्नों का उत्तर देना होगा. हम इस ढिलाई को बर्दाश्त नहीं करेंगे. हमारे पास बहुत सारे सवाल हैं. उस सभी का जवाब एक हलफनामे से देना होगा. जब हमने इसे 3 महीने के भीतर पूरा करने को कहा तो फिर इसका अनुपालन क्यों नहीं किया गया?
केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि दिल्ली स्मॉग टावर मामले पर IIT बॉम्बे और CPCB के बीच MOU तैयार हो गया है. इसको डिजिटली साइन किया जाएगा
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