ऑक्सीजन संकट पर HC में सुनवाई, दिल्ली ने कहा- 'हमारे हिस्से की सप्लाई मिले, वर्ना सिस्टम ढह जाएगा'

दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी पर दिल्ली हाईकोर्ट ने शनिवार को सुनवाई में नाराजगी जताई है. सुनवाई के दौरान जस्टिस विपिन सांघी ने कहा कि 'हम कई दिनों से सुनवाई कर रहे हैं.

ऑक्सीजन संकट पर HC में सुनवाई, दिल्ली ने कहा- 'हमारे हिस्से की सप्लाई मिले, वर्ना सिस्टम ढह जाएगा'

नई दिल्ली:

दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी पर दिल्ली हाईकोर्ट ने शनिवार को सुनवाई में नाराजगी जताई है. सुनवाई के दौरान जस्टिस विपिन सांघी ने कहा कि 'हम कई दिनों से सुनवाई कर रहे हैं. रोजाना एक ही तरह की बात सुनाई दे रही है. अखबारों और चैनलों में बताया जा रहा है कि हालात गंभीर हैं.' हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि वो बताए कि दिल्ली को कितनी ऑक्सीजन मिलेगी और कैसे आएगी? सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने बताया कि दिल्ली को कल सिर्फ 296 MT ऑक्सीजन मिली, जो 480 MT के ऑवंटन से काफी कम है. दिल्ली सरकार ने कहा कि ' हमें हमारे कोटे की 480MT ऑक्सीजन दिलाई जाए. वरना अगले 24 घंटे में सिस्टम कोलेस्प हो जाएगा. हमारे पास कोई चारा नहीं बचा है. हर मिनट जान जा रही हैं.'

वहीं इस ऑक्सीजन संकट के लिए केंद्र सरकार ने दिल्ली के स्थानीय स्तर पर कमी का हवाला दिया. केंद्र ने बताया कि दिल्ली के पास करीब 600 MT ऑक्सीजन है. जो या तो अस्पतालों के पास है या आपूर्तिकर्ता के पास है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार को अपनी आपूर्ति व्यवस्था सुदृढ करनी होगी. इस पर दिल्ली सरकार ने कहा कि कल सिर्फ 309 एमटी ऑक्सीजन मिली. इसके जवाब में केंद्र सरकार ने कहा कि दिल्ली सरकार टैंकर आदि की व्यवस्था नहीं कर रही है, हमने रुडकी में बात की तो उनका कहना है कि ऑक्सीजन उपलब्ध है लेकिन दिल्ली सप्लाई लेने नहीं आया है. सब राज्य और यूटी खुद रेलवे या टैंकरों की व्यवस्था कर रहे हैं लेकिन दिल्ली में सब कुछ केंद्र को ही करना पड़ रहा है. 

सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने केंद्र से पूछा कि दिल्ली को 480 एमटी ऑक्सीजन कब मिलेगा. ये ही सबसे बड़ी समस्या है. जबतक ऑक्सीजन दिल्ली नहीं पहुंचेगी तब तक यह दिक्कत रहेगी. इसके जवाब में केंद्र ने कहा कि केंद्र और राज्य खुद ही टैंकर का इंतजाम कर रहे हैं. नाइट्रोजन और ऑर्गन को ऑक्सीजन टैंकर में तब्दील किया जा रहा है. हाईकोर्ट ने कहा कि लेकिन जिन राज्यों में तरह इडस्ट्री नहीं है, वह टैंकरों का इंतजाम कहां से करेंगे. केंद्र ने कहा कि रेलवे लखनऊ तक ऑक्सीजन लाई है और दिल्ली लाने को भी तैयार है लेकिन अभी तक की जानकारी के मुताबिक दिल्ली ने कोई रिक्वेस्ट ही नहीं की है.

सुनवाई के दौरान गहमागहमी का माहौल उस वक्त हो गया जब सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता, दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा पर नाराज हो गए. उन्होंने यहा तक कह दिया कि बहुत हो गया आप यहां चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. केंद्र ने कहा कि हाईकोर्ट में केंद्र के अफसर हैं तो दिल्ली सरकार के चीफ सेकेट्री मौजूद हों. इसके बाद में उन्होंने अधिकारी को फटकार लगाते हुए कहा कि दिल्ली सरकार ने रुडकी और अन्य जगह टैंकर नहीं भेजे, आप इस बारे में केंद्रीय अफसरों से बात क्यों नहीं करते हैं. हम यहां आपके और केंद्र के अफसरों के बीच मध्यस्थता करने के लिए नहीं बैठे हैं.  जब ऑक्सीजन है तो आप लाने की व्यवस्था करें.  

दिल्ली हाईकोर्ट ने आज सुनवाई में टैंकरों को रोके जाने को लेकर फिर चेताया. कोर्ट ने कहा कि 'अगर दिल्ली के टैंकर कहीं रोके गए तो कड़ी कार्यवाही होगी. हम किसी को नहीं बख्शेंगे.' हाईकोर्ट ने कहा कि हमारे लिए ये बड़ा मुश्किल है कि हर अस्पताल के लिए इस पर ऑक्सीजन सप्लाई के आदेश करें, ऑक्सीजन की कमी का एक पहलू ये भी है कि सप्लाई के लिए टैंकर नहीं है. दिल्ली के जयपुर गोल्डन अस्पताल ने हाईकोर्ट तो बताया हमने 25 जानें खो दी है, हालात काबू से बाहर हो रहे हैं 30-45 मिनट की ऑक्सीजन बची है. याचिकाकर्ता ने कहा कि कई अस्पतालों में 5-6 दिनों की ऑक्सीजन है तो कहीं बिल्कुल नहीं है. उन्होंने कहा कि ये व्यवस्था ठीक की जानी चाहिए. 

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हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से उन घटनाओं का ब्योरा मांगा जहां उनके हिस्से के ऑक्सीजन के टैंकर नहीं भेजे गए. दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि 'कुछ अस्पतालों की आपूर्ति श्रृंखला पर पकड़ है, उनको भी ऑक्सीज़न नहीं मिल पा रही है. जिन राज्यों में ऑक्सीजन संयंत्र है वहां पर स्थानीय अधिकारी अपने ही राज्य में ऑक्सीजन की सप्लाई कर रहे हैं.'

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केंद्र सरकार ने दिल्ली के स्थानीय स्तर पर कमी का हवाला दिया है. केंद्र का कहना है कि दिल्ली के पास करीब 600 MT ऑक्सीजन है, जो या तो अस्पतालों के पास है या आपूर्तिकर्ता के पास है, ऐसे में दिल्ली सरकार को अपनी आपूर्ति व्यवस्था सुदृढ करनी होगी.