दिल्ली HC ने ऑक्सीजन रीफिलर से कहा, गैस की कमी से एक आदमी भी मरा, तो आपको भी लटका देंगे

ऑक्सीजन रिफिलर्स से दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि लोगों को अपना अच्छा चेहरा दिखाने की जरूरत है, लोगों की मदद करने का वक्त है, गिद्ध मत बनिए

दिल्ली HC ने ऑक्सीजन रीफिलर से कहा, गैस की कमी से एक आदमी भी मरा, तो आपको भी लटका देंगे

प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली:

दिल्ली (Delhi) में ऑक्सीजन (Oxygen) की कमी और इससे कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में हो रही परेशानी के मामले में आज सुनवाई करते हुए ऑक्सीजन सिलेंडर रिफिलर्स से कहा कि यह लोगों की मदद करने का समय है. लोगों को अपना अच्छा चेहरा दिखाने की जरूरत है, बुरा नहीं. इस वक्त गिद्ध ( Vulture) मत बनिए. दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने दिल्ली के उन पांच ऑक्सीजन रिफिलर्स के खिलाफ अवमानना ​​का नोटिस जारी किया है जो कि आज सुनवाई के लिए कोर्ट के समक्ष पेश नहीं हुए थे, जबकि कोर्ट ने इसके लिए कल विशेष आदेश जारी किए गए थे. कोर्ट ने कहा कि यदि रिफिलर दिल्ली सरकार के पोर्टल को डेटा प्रदान नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ दिल्ली सरकार और सख्त कार्रवाई करे.

हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार पर फिर सवाल उठाया और कहा कि हम हैरान हैं कि एस सप्लायर 20 MT ऑक्सीजन लेता है, जो एक बड़ा सप्लायर है, लेकिन वह सरकार के आदेशों का पालन नहीं कर रहा है. जरूर कुछ तो है. हाईकोर्ट  ने सप्लायर से कहा कि अभी अस्पतालों को गैस भेजिए, नहीं तो हम आपको हिरासत में ले लेंगे, एक आदमी भी मरा तो आपको साथ में लटका देंगे.

हाईकोर्ट ने सेठ सप्लायर से कहा कि आप गैरजिम्मेदार हैं. लोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं और आप ऐसा कर रहे हैं. इस पर सप्लायर ने कहा कि आप जो कहेंगे, मैं करूंगा. दिल्ली सरकार का अफसर चार दिन से बैठा है, वो बता नहीं रहा किसको देना है. हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि बस अब बहुत हुआ, इनफ इज इनफ, अपने घर को दुरुस्त कीजिए. अगर नहीं कर सकते तो हमें बताइए. हम केंद्र को इन प्लांटों को टेकओवर करने को कहेंगे. बहुत लोग जान गवां चुके हैं.

दिल्ली हाईकोर्ट में कुछ अस्पतालों द्वारा बताया गया कि दिल्ली के अस्पतालों की स्थिति बेहाल है. एक बेड पर दो मरीज हैं. दिल्ली हाईकोर्ट में दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सचिव ने जानकारी देते हुए कोर्ट को बताया कि वह इस दिशा में काम कर रहे हैं कि ज्यादा से ज्यादा मरीजों का इलाज किया जा सके. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि तस्वीर कुछ और ही बता रही हैं.

क्या घर पर इलाज करा रहे कोविड मरीजों को रेमेडिसवर इंजेक्शन नहीं मिलेगा? दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के ऐसे आदेश पर नाराजगी जाहिर की. कोर्ट ने कहा- आप ऐसा आदेश कैसे पास कर सकते हैं. इसका मतलब जिनको अस्पताल में बेड नही मिला, उन्हें इंजेक्शन भी नहीं मिलेगा. ये तो लोगों की ज़िंदगी से खेलना हुआ.

दिल्ली सरकार के वकील ने जवाब दिया कि रेमडिसिविर की जमाखोरी जारी है इसलिए ऐसा आदेश है. मैं कोर्ट के सामने छापेमारी की जानकारी रखूंगा. कोर्ट ने कहा कि आप सभी हॉस्पिटल फार्मेसी को रेमडिसिविर, बाकी दवाओं की जानकारी देने के लिए बोलें. वो बताएंगे कि किसको कितने इंजेक्शन दिए गए हैं.

हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा कि रेमडेसिविर जैसी दवाओं की इतनी किल्लत क्यों है? जाहिर है कि इसकी जमाखोरी हो रही है. यह फिर कालाबजारी के जरिए बिक रही है. जब हर मरीज को यह नहीं चाहिए तो फिर ये किल्लत क्यों? इसका मतलब ये है कि आपके अफसर कुछ नहीं कर रहे हैं. हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि आपका सिस्टम फेल हो चुका है. दवाओं की कालाबाजारी जारी है. आखिर जो लोग ऐसी दवाओं से घर पर इलाज कराना चाहते हैं, उन्हें ये क्यों ना मिले. क्यों सिर्फ अस्पताल में भर्ती लोगों को ये दी जाए?

एक ऑक्सीजन सिलेंडर कंपनी की ओर से कहा गया कि हम दिल्ली सरकार के कहे अस्पतालों के लिए ऑक्सीजन देते हैं. लेकिन प्लांट के बाहर हमेशा 400-500 लोगों की भीड़ रहती है. हमें ये समझ नहीं आ रहा है कि कब और किसे सप्लाई देनी होती है. जो छोटे नर्सिंग होम हैं उनके पास कम सिलेंडर होते हैं. ये सब चेनलाइज हो और सुरक्षा मिले.

एसजी तुषार मेहता ने कहा कि दिल्ली सरकार ने बैंकॉक से टैंकर मंगाने की कोशिश की है, और विमानों के लिए केन्द्र सरकार से अनुरोध किया है. हम विमान देने के लिए तैयार हैं. अभी इन हवाई जहाजों का उपयोग लगातार किया जा रहा है, यह प्राथमिकता के अनुसार होगा, लेकिन ऐसा ना हो कि हमारे विमान वहां पहुंचें और टैंकर ना मिलें.

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक ऑक्सीजन सिलेंडर प्लांट को तुरंत दिल्ली सरकार को टेकओवर करने को कहा. हाईकोर्ट ने कहा कि मालिक इसमें बाधा नहीं डालेंगे. दिल्ली सरकार इस प्लांट को इसके कर्मियों के साथ ही चलाएगी. हाईकोर्ट ने कहा कि ये साबित होता है कि इस प्लांट से सिलेंडरों की कालाबाजारी होती है. हाईकोर्ट ने कहा कि इस प्लांट को आज ही टेकओवर किया जाए. एक सख्त संदेश जाना चाहिए.

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि हमारा विश्वास डगमगा रहा है, आप अपना घर दुरुस्त कीजिए, आप प्रशासक हैं. आपको प्रशासन चलाना आना चाहिए. आपको हमने कभी पावर का इस्तेमाल करने से नहीं रोका. दिल्ली सरकार ने कहा कि हमारे लिए ये नया मामला है. हम सीख रहे हैं, पहले ये हमारा काम नहीं था.

हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि कल ये बताए कि इन सप्लायरों के पास कितना गैस स्टॉक है. हाईकोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार बिना किसी जवाबदेही के इन रीफिलर्स को ऑक्सीजन सप्लाई कर रहे हैं. आप सेठ को दी गैस को तुरंत इन अस्पतालों को सीधे दीजिए. लोग ऑक्सीजन के अभाव में मर रहे हैं, ये राज्य की जिम्मेदारी है.

दिल्ली हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट के लिए अशोक होटल के कमरों के मामले पर स्वत: संज्ञान लिया. हाईकोर्ट ने कहा कि हमने प्रेस में खबरों को पढ़ा है. हाईकोर्ट ने कहा हमने कोई भी आग्रह नहीं किया था. हाईकोर्ट ने कहा कि आप कल्पना कीजिए क्या हम कैसे कह सकते हैं. लोगों को अस्पताल नहीं मिल रहे और हम आपसे लग्जरी होटल में बैड मांग रहे हैं. मीडिया गलत नहीं है, आपका आर्डर गलत है. आप किसी एक श्रेणी के लिए सुविधा कैसे दे सकते हैं. दिल्ली सरकार जवाब दाखिल करे.

हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है. सरकार ने कहा है कि इसके पीछे कोई दुर्भावना नहीं थी. हाईकोर्ट ने कहा कि अच्छा होगा कि आप ये आदेश तुरंत वापस लें. सरकार ने कहा कि हम तुरंत वापस लेंगे. हाईकोर्ट ने कहा कि ये बात सोच से बाहर है कि हम एक संस्थान के तौर पर सुविधा मांगेंगे. मामले की गुरुवार को  सुनवाई होगी. 

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हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से ऑक्सीजन के अभाव में जान गंवाने वाले मरीजों का ब्योरा मांगा है. हाईकोर्ट ने कहा है कि सरकार चार दिनों के भीतर मरीजों के नाम, वार्ड / कमरे, मौत का समय और कारण सारणीबद्ध तरीके से हलफनामे में दे. हाईकोर्ट ने कहा कि हमें उन्हें भी मुआवजा देना होगा, राज्य को देना होगा.