यह ख़बर 07 जनवरी, 2013 को प्रकाशित हुई थी

दिल्ली दुष्कर्म मामला : चश्मदीद के आरोपों की जांच का आदेश

खास बातें

  • केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली में चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म और क्रूर यंत्रणा की शिकार हुई युवती के मित्र एवं घटना के चश्मदीद के इस आरोप की जांच का आदेश दिया कि पुलिस ने पीड़िता को तुरंत अस्पताल पहुंचाने के बजाय 'अधिकार क्षेत्र' को लेकर आपस में झगड़कर
नई दिल्ली:

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली में चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म और क्रूर यंत्रणा की शिकार हुई युवती के मित्र एवं घटना के चश्मदीद के इस आरोप की जांच का आदेश दिया कि पुलिस ने पीड़िता को तुरंत अस्पताल पहुंचाने के बजाय 'अधिकार क्षेत्र' को लेकर आपस में झगड़कर बहुमूल्य समय बर्बाद किया। जानकार सूत्रों ने यह जानकारी सोमवार को दी।

सूत्रों ने कहा कि पीड़िता के मित्र के दावे का पुलिस ने जो खंडन किया है, उसकी सत्यता भी परखी जाएगी।

सूत्रों ने कहा कि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी इस मामले की जांच करेंगे। समाचार चैनल जी न्यूज को दिए साक्षात्कार में पीड़िता के मित्र ने कहा था कि घटना के लगभग 45 मिनट बाद पीसीआर वैन पहुंची लेकिन पुलिसकर्मियों ने यह तय करने में कीमती समय गंवा दिया कि यह मामला किस पुलिस थाने के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आता है।

चश्मदीद ने यह भी कहा था कि बुरी तरह घायल उसकी दोस्त को खुद प्रयास कर पीसीआर वैन में बैठना पड़ा। पुलिसकर्मियों ने उसकी मदद नहीं की, क्योंकि वह खून से लथपथ थी और उसके शरीर से काफी खून बह रहा था।

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उल्लेखनीय है कि 16 दिसम्बर को दिल्ली में एक चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म के बाद पीड़ित युवती और उसके मित्र को सड़क किनारे फेंक दिया गया था। सिंगापुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान 29 दिसम्बर को पीड़िता की मौत हो गई।

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