
नई दिल्ली:
दिल्ली की एक स्थानीय अदालत ने 16 दिसंबर की रात हुए गैंगरेप मामले में बंद कमरे में सुनवाई करने और मीडिया को इसकी रिपोर्टिंग से रोकने के मजिस्ट्रेट के आदेश को बरकरार रखा है।
दरअसल, मामले की सुनवाई सोमवार को शुरू हो गई थी, लेकिन अदालत कक्ष में भारी भीड़ जुटने के कारण अफरा-तफरी मच गई और आरोपियों को पेश नहीं किया जा सका।
इसके बाद मजिस्ट्रेट ने बंद कमरे में सुनवाई का आदेश दिया था और मीडिया से कहा था कि वह अनुमति के बगैर मामले से संबंधित कोई खबर प्रकाशित न करे। महानगर दंडाधिकारी नम्रता अग्रवाल द्वारा दिए गए इस आदेश को वकीलों के एक समूह ने चुनौती दी थी, जो आज रद्द हो गई है।
दरअसल, मामले की सुनवाई सोमवार को शुरू हो गई थी, लेकिन अदालत कक्ष में भारी भीड़ जुटने के कारण अफरा-तफरी मच गई और आरोपियों को पेश नहीं किया जा सका।
इसके बाद मजिस्ट्रेट ने बंद कमरे में सुनवाई का आदेश दिया था और मीडिया से कहा था कि वह अनुमति के बगैर मामले से संबंधित कोई खबर प्रकाशित न करे। महानगर दंडाधिकारी नम्रता अग्रवाल द्वारा दिए गए इस आदेश को वकीलों के एक समूह ने चुनौती दी थी, जो आज रद्द हो गई है।
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