
नई दिल्ली:
राजधानी दिल्ली में 16 दिसंबर की रात चलती बस में हुए सामूहिक बलात्कार मामले में जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (किशोर न्याय बोर्ड) ने 17 साल के आरोपी के खिलाफ बलात्कार और हत्या के आरोप तय किए हैं।
मामले की सुनवाई जुवेनाइल कोर्ट में 6 मार्च से शुरू होगी। पुलिस द्वारा पेश किए गए सबूतों में इसे अपराध में बराबर का भागीदार बताया गया है। हालांकि पुलिस ने इस आरोपी की उम्र की जांच के लिए अर्जी दायर की थी, लेकिन जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने उसके स्कूली दस्तावेज को मान्यता दी, जिसमें उसकी उम्र अपराध के वक्त 18 साल से कम बताई गई थी।
अब यदि वह दोषी करार भी दिया जाता है, तो वह अधिकतम तीन साल तक किसी सुधार गृह में रहेगा, जेल में नहीं। इसी मामले में शेष पांच अभियुक्तों पर फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा जारी है, जहां दोषी पाए जाने पर उन्हें मौत की सजा तक दी जा सकती है।
मामले की सुनवाई जुवेनाइल कोर्ट में 6 मार्च से शुरू होगी। पुलिस द्वारा पेश किए गए सबूतों में इसे अपराध में बराबर का भागीदार बताया गया है। हालांकि पुलिस ने इस आरोपी की उम्र की जांच के लिए अर्जी दायर की थी, लेकिन जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने उसके स्कूली दस्तावेज को मान्यता दी, जिसमें उसकी उम्र अपराध के वक्त 18 साल से कम बताई गई थी।
अब यदि वह दोषी करार भी दिया जाता है, तो वह अधिकतम तीन साल तक किसी सुधार गृह में रहेगा, जेल में नहीं। इसी मामले में शेष पांच अभियुक्तों पर फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा जारी है, जहां दोषी पाए जाने पर उन्हें मौत की सजा तक दी जा सकती है।
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