नई दिल्ली:
दिल्ली में 16 दिसंबर के सामूहिक बलात्कार मामले में एक आरोपी ने आज अदालत से कहा कि वह निर्दोष है। इसी के साथ उसने दावा किया कि अन्य सहआरोपियों ने चलती बस में 23 साल की लड़की के साथ बर्बर व्यवहार किया था।
आरोपी मुकेश ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश योगेश खन्ना की अदालत में दलील दी कि वह सिर्फ बस चला रहा था जबकि पांच अन्य आरोपियों ने अपराध को अंजाम दिया और लड़की तथा उसके मित्र को एक फ्लाईओवर के पास नीचे फेंका था।
न्यायाधीश द्वारा पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में मुकेश ने कहा, मैं सिर्फ बस चला रहा था। दक्षिणी दिल्ली में मलाई मंदिर के निकट एक फ्लाईओवर के पास अन्य ने बस के अंदर की बत्ती बुझा दी। अदालत द्वारा यह पूछे जाने पर कि उन लोगों ने दक्षिणी दिल्ली में मुनिरका के पास पीड़ित और उसके मित्र को बस में क्यों चढ़ाया था, मुकेश ने कहा कि युवक ने हाथ से इशारा किया था और उन लोगों ने बस रोकी थी।
पुलिस के अनुसार, 16 दिसंबर को बस में 23 साल की छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था और उसके साथ बर्बर व्यवहार किया गया था। पुलिस के अनुसार बस में छह अन्य लोग थे। चालक, राम सिंह, विनय शर्मा, अक्षय ठाकुर, पवन गुप्ता और मुकेश सभी ने दुष्कर्म किया था। पीड़ित की 29 दिसंबर को सिंगापुर के एक अस्पताल में मौत हो गई थी।
सुनवाई के दौरान ही राम सिंह 11 मार्च को तिहाड़ जेल में मृत पाया गया। मामले में छठा आरोपी किशोर है और उसके खिलाफ किशोर न्याय बोर्ड में सुनवाई चल रही है।
मुकेश ने कहा कि वह बस चला रहा था, जबकि उसका बड़ा भाई राम सिंह और किशोर यात्रियों को बुला रहे थे। उसने पीड़ित के मित्र की पिटाई की बात से इनकार किया और कहा कि बस के अंदर रोशनी नहीं होने के कारण वह नहीं बता सकता कि झगड़ा किसने शुरू किया।
इस बीच तिहाड़ जेल के अधीक्षक और साकेत अदालत की हाजत (लॉकअप) प्रभारी को निर्देश दिया गया है कि मुकेश को अकेले ही अदालत लाया जाए। इसके पहले उसने आशंका जताई थी कि मामले में सह-आरोपी उसे नुकसान पहुंचा सकते हैं।
आरोपी मुकेश ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश योगेश खन्ना की अदालत में दलील दी कि वह सिर्फ बस चला रहा था जबकि पांच अन्य आरोपियों ने अपराध को अंजाम दिया और लड़की तथा उसके मित्र को एक फ्लाईओवर के पास नीचे फेंका था।
न्यायाधीश द्वारा पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में मुकेश ने कहा, मैं सिर्फ बस चला रहा था। दक्षिणी दिल्ली में मलाई मंदिर के निकट एक फ्लाईओवर के पास अन्य ने बस के अंदर की बत्ती बुझा दी। अदालत द्वारा यह पूछे जाने पर कि उन लोगों ने दक्षिणी दिल्ली में मुनिरका के पास पीड़ित और उसके मित्र को बस में क्यों चढ़ाया था, मुकेश ने कहा कि युवक ने हाथ से इशारा किया था और उन लोगों ने बस रोकी थी।
पुलिस के अनुसार, 16 दिसंबर को बस में 23 साल की छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था और उसके साथ बर्बर व्यवहार किया गया था। पुलिस के अनुसार बस में छह अन्य लोग थे। चालक, राम सिंह, विनय शर्मा, अक्षय ठाकुर, पवन गुप्ता और मुकेश सभी ने दुष्कर्म किया था। पीड़ित की 29 दिसंबर को सिंगापुर के एक अस्पताल में मौत हो गई थी।
सुनवाई के दौरान ही राम सिंह 11 मार्च को तिहाड़ जेल में मृत पाया गया। मामले में छठा आरोपी किशोर है और उसके खिलाफ किशोर न्याय बोर्ड में सुनवाई चल रही है।
मुकेश ने कहा कि वह बस चला रहा था, जबकि उसका बड़ा भाई राम सिंह और किशोर यात्रियों को बुला रहे थे। उसने पीड़ित के मित्र की पिटाई की बात से इनकार किया और कहा कि बस के अंदर रोशनी नहीं होने के कारण वह नहीं बता सकता कि झगड़ा किसने शुरू किया।
इस बीच तिहाड़ जेल के अधीक्षक और साकेत अदालत की हाजत (लॉकअप) प्रभारी को निर्देश दिया गया है कि मुकेश को अकेले ही अदालत लाया जाए। इसके पहले उसने आशंका जताई थी कि मामले में सह-आरोपी उसे नुकसान पहुंचा सकते हैं।
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