
दिल्ली के गाजीपुर इलाके में सोमवार को कचरा इकट्ठा करने वाली जगह (डंपिंग यार्ड) में आग लग गई. जिसके चलते आसपास के इलाके में रहना वाले लोगों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी. वहीं यहां से गुजरने वाले वाहन चालकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा. इसकी सूचना दोपहर करीब 2:30 बजे दमकल विभाग को दी गई. दमकल विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि अब तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है. विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आग पर काबू पा लिया गया है.
उन्होंने कहा, ''कूड़े के टीले में आग लगी है और इसे बुझाने में खासी दिक्कतें आ रही हैं. हम दमकल वाहनों को ऊपर की तरफ नहीं ले जा सकते हैं. ये स्थान ऊंचाई पर होने के कारण आग बुझाने के लिए पानी की बौछार करने पर ये दमकलकर्मियों के ऊपर गिरता है, जिससे काम करने में मुश्किल आ रही है.''
अधिकारी ने कहा कि आग बुझाने के लिए 10 दमकल वाहन और 50 दमकलकर्मी घटनास्थल पर मौजूद हैं. विभाग के मुताबिक, गाजीपुर लैंडफिल साइट में आग लगने की सूचना दमकल विभाग को अपराह्न 2.30 बजे मिली. इससे पहले, मुख्य अग्निशमन अधिकारी अतुल गर्ग ने कहा कि आग बुझाने के प्रयास जारी हैं और अभी इसमें कुछ और घंटे लग सकते हैं. गर्ग ने पीटीआई-भाषा से कहा कि आग लगने के कारणों का अभी पता नहीं लग सका है.

इस बीच, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) को इस घटना के संबंध में 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया. उल्लेखनीय है कि पिछले साल अप्रैल में गाजीपुर लैंडफिल साइट पर आग लगने के बाद डीपीसीसी ने पूर्वी दिल्ली नगर निगम पर 40 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था.
वहीं, पूर्वी दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति के अध्यक्ष बीर सिंह पवार ने कहा कि आग लगने का कारण ''उच्च तापमान'' रहा क्योंकि कूड़े में प्लास्टिक की अत्याधिक मात्रा रहती है और मीथेन का उत्सर्जन होता रहता है. उन्होंने कहा कि आग बुझाने की प्रक्रिया में सहायता के मद्देनजर निगम ने 22 बुलडोजर को काम पर लगाया है.
उधर, गाजीपुर लैंडफिल की ताजा घटना को लेकर आम आदमी पार्टी की नेता आतिशि ने भाजपा पर निशाना साधा और ट्वीट कर कहा, ''अब दिल्ली नगर निगम को सीधे केंद्र सरकार के तहत लाया जा रहा है, शायद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हमे ये बताएं कि गाजीपुर लैंडफिल साइट के संकट से निपटने की उनकी क्या योजना है.'
बता दें कि बड़ी संख्या में कूड़ा यहां पर एकत्रित होने और इसके आकार के चलते आसपास के इलाके के लोग इसे कूड़े का पहाड़ भी कहते हैं. इससे पहले भी इस डंपिंग यार्ड में कई बार आग लग चुकी हैं, जिस पर समय रहते काबू पा लिया गया था. पिछले साल अप्रैल में गाजीपुर लैंडफिल साइट पर आग लगने के बाद डीपीसीसी ने पूर्वी दिल्ली नगर निगम पर 40 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. इतना ही नहीं 2017 में गाजीपुर लैंडफिल साइट पर कूड़े का ढेर टूटकर गिर गया था, जिसकी चपेट में आने से 2 लोगों की मौत भी हो गई थी.
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