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This Article is From Jun 07, 2020

NDTV का दिल्ली में रियलटी चेक: 'क्या आपके यहां कोरोना पेशेंट के लिए बेड उपलब्ध हैं?'

दिल्ली सरकार ने Delhi Corona App लॉन्च किया है, इसमें किस अस्पताल में कितने बेड खाली हैं उसका रियल टाइम डाटा मिलता है.

एनडीटीवी इंडिया ने दिल्ली सरकार के दावों की पड़ताल की

नई दिल्ली:

दिल्ली सरकार ने Delhi Corona App लॉन्च किया है, इसमें किस अस्पताल में कितने बेड खाली हैं उसका रियल टाइम डाटा मिलता है. NDTV की टीम ने हमने एक ख़ास पड़ताल की जिसमें पाया कि कोरोना ऐप में तो बेड दिखा रहा है पर जब हमने अस्पतालों को फ़ोन किया तो वहां से जवाब आया कि बेड खाली ही नहीं हैं. एनडीटीवी इंडिया के रिपोर्टर सौरभ शुक्ला ने यह पड़ताल की.  दिल्ली सरकार का दावा है कि कोविड 19 के मरीजों के लिए अस्पतालों में भरपूर बेड उपलब्ध हैं, जबकि अस्पताल कह रहे हैं कि उनके पास एक भी बेड खाली नहीं है. हमने हकीकत जानने के लिए शुरुआत दिल्ली के होली फ़ैमली अस्पताल से की Delhi Corona App के अनुसार यहां 69 बेड उपलब्ध हैं लेकिन जब हमने अस्पताल के एडमिशन डेस्क पर फ़ोन किया तो हमें बताया गया कि एक भी बेड खाली नहीं हैं. 

हमने होली फैमिली हॉस्पिटल को फोन किया जो कि दिल्ली का एक बड़ा अस्पताल है. इस अस्पताल में सभी 69 बेड खाली हैं. अस्पताल के एडमिशन डिपार्टमेंट में बात हुई. 

सौरभ: हाय सर, मैं सौरभ शुक्ला हूं. आपके यहां Corona के पेशेंट के लिए बेड अवेलेबल हैं?
एडमिशन ऑफिस: अब तो बेड अवेलेबल नहीं हैं.

सौरभ: सर ऐप में तो 69 दिखा रहा है?
एडमिशन ऑफिस :  ऐप अपडेट नहीं हुआ है.

सौरभ: पर लोग तो ऐप देखकर आ रहे हैं न सर.
एडमिशन ऑफिस: यही तो मैं आपसे कहना चाह रहा हूं. 

सौरभ: तो ये 69 बेड वेकेंट नहीं हैं? 
एडमिशन ऑफिस: नो. 

यह होली फैमिली अस्पताल का एडमिशन डिपार्टमेंट है. जिसके बारे में ऐप ने दिखाया कि 69 बेड वेकेंट हैं और असलियत में एक भी बेड उपलब्ध नहीं है. यह पूरी बातचीत उनके एडमिशन विभाग से हुई है, उन्होंने कहा है कि बेड खाली क्यों दिख रहे, उनको नहीं पता.    

मरीज आपातकालीन स्थिति में अस्पतालों को खोजने के लिए इस एप्लिकेशन का उपयोग कर रहे हैं और फिर अस्पताल पहुंचने के बाद उन्हें बेड नहीं मिल रहा है. इसके लिए कौन जिम्मेदार है? तो यह हकीकत है इस एप्लीकेशन की, कि जब ऐप बेड खाली दिखा रहा है, हॉस्पिटल कह रहे हैं कि कोई बेड वेकेंट नहीं है.

इसके बाद हमने फ़ोर्टिस अस्पताल को कॉल किया. हमने कोविड 19 के मरीजों के लिए निर्धारित उन 32 खाली बेडों के बारे में बात की जो ऐप में फोर्टिस अस्पताल में खाली दिखाई दे रहे थे. 

सौरभ: मैडम नमस्ते, फोर्टिस से बात कर रही हैं? सौरभ शुक्ला बोल रहा हूं, आपके पास कोविड बेड अवेलेबल हैं? 
ऑपरेटर फोर्टिस: सर हमारा कोविड हॉस्पिटल है पर फिलहाल हमारे पासा कोई बेड खाली नहीं है, लेकिन फिर भी आप पेशेंट के डिटेल शेयर कर दीजिए.  

सौरभ: आपके पास एक भी बेड अवेलेबल नहीं है? 
ऑपरेटर फोर्टिस: नो.

सौरभ: लेकिन मैडम ये ऐप है जो दिल्ली सरकार का, इसमें 32 बेड खाली दिखा रहा है. 
ऑपरेटर फोर्टिस: सर इस ऐप में कुछ प्रॉब्लम है. मैं नहीं जानती कि यह क्यों खाली बेड दिखा रहा है जबकि वर्तमान में हमारे पास कोई भी बेड खाली नहीं है. यहां तक कि आईसीयू और वार्डों में भी सभी बेड भरे हुए हैं. 

सौरभ: आईसीयू में भी बेड नहीं है? 
ऑपरेटर फोर्टिस: नहीं सर फिलहाल नहीं है, पर आप अपने पेशेंट के डिटेल दे देंगे तो हम उसके लिए काम करेंगे.    

हमने दिल्ली मैक्स को भी फ़ोन किया जहां पर 200 से ज़्यादा बेड दिखा रहा था. बाद में हमें मैक्स ने मेल पर जवाब दिया कि बेड खाली नहीं हैं और ऐप में भी सुधार करते हुए बेड की संख्या शून्य कर दी.

हमने दिल्ली सरकार से अपनी इस पड़ताल पर जवाब मांगा तो सरकार ने NDTV का आभार व्यक्त करते हुए अस्पतालों की जवाबदेही तय करने की बात कही.

 

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