
दिल्ली कैबिनेट ने शिक्षा से सम्बंधित वित्तीय प्रावधानों सम्बंधित कई महत्वपूर्ण प्रस्ताओं को मंजूरी दी है. इसमें सरकारी और वित्तीय सहायता प्राप्त स्कूलों के स्टूडेंट्स को डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से पाठ्यपुस्तकों और लेखन सामग्री के लिए धनराशि भेजना शामिल है.साथ ही, दिल्ली ब्यूरो ऑफ़ टेक्स्ट बुक को प्रकाशन सामग्री, छात्र डायरी, कार्यपुस्तिका, खुशी पाठ्यचर्या से संबंधित सामग्री, मेन्टल मैथ्स आदि के प्रकाशन और वितरण के लिए 30.05 करोड़ रुपये की भी मंजूरी दी गई है.
इसके अलावा, कैबिनेट ने सरकारी भूमि पर बने निजी स्कूलों द्वारा वर्ष 2018-19 और 2019-20 के लिए फीस वृद्धि संबंधी प्रस्ताव की जांच एवं निस्तारण करने के लिए पीएमयू (परियोजना प्रबंधन इकाई) की स्थापना को भी मंजूरी दी है. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि ऐसे कठिन समय में दिल्ली सरकार बच्चों की शिक्षा में आने वाली हर बाधा को दूर करने का हर संभव प्रयास कर रही है. उन्होंने उम्मीद जताई कि बच्चों को दी गई वित्तीय सहायता के माध्यम से सभी बच्चे अध्ययन सामग्री और पाठ्यपुस्तकें खरीद पाएंगे और अपनी पढ़ाई से अच्छी तरह जुड़े रहेंगे. आर्थिक तंगी के बावजूद अपनी तरफ से हम अपने बच्चों के लिए हर प्रयास करेंगे ताकि उनकी पढ़ाई का नुकसान न हो.
हर साल दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय द्वारा सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों के पहली से आठवीं कक्षा तक के छात्रों को डीबीटी के माध्यम से पाठ्यपुस्तकें और आर्थिक सहायता दी जाती है. कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों को पुस्तकों और लेखन सामग्री के लिए धनराशि दी जाती है. इस वर्ष के लिए दिल्ली सरकार ने सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों के छात्रों के लिए 64.37 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता की मंजूरी दी है.
इसके अलावा, दिल्ली सरकार की ‘पाठ्यपुस्तक और सामग्री का निशुल्क वितरण 2020-2021‘ योजना के तहत 30.05 करोड़ रूपये की अतिरिक्त आवर्ती राशि का आबंटन किया गया है. इसके तहत, दिल्ली ब्यूरो ऑफ टेक्स्ट बुक द्वारा सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों को सहायक सामग्री, कार्यपुस्तिका, मानसिक गणित सामग्री, नर्सरी और केजी की वर्कबुक तथा शिक्षक डायरी की आपूर्ति की जाएगी.
इन वित्तीय प्रावधानों के अलावा कैबिनेट ने दिल्ली में सरकारी भूमि पर बने मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के शुल्क वृद्धि प्रस्ताव की जांच करने के लिए एनआईसीएसआई नामांकित प्रतिष्ठित चार्टेड एकाउंटेंट्स की दो फर्मों को को लेकर पीएमयू स्थापित करने की मंजूरी दी है. इससे सत्र 2018-19 और 2019-20 के लिए स्कूलों द्वारा प्रस्तुत फीस वृद्धि के प्रस्ताव के तेजी से निस्तारित करने में मदद मिलेगी.
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