विज्ञापन
This Article is From Mar 03, 2020

दिल्ली हिंसा: 22 साल तक देश की सेवा करने वाले का घर भी फूंका, शिविर में रहने को मजबूर जवान बोला- अब लगता है इस देश में रहने का अधिकार नहीं

पिछले सप्ताह उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में दंगाईयों ने उनके घर को आग के हवाले कर दिया. अब वह सैकड़ों लोगों के साथ मुस्तफाबाद के ईदगाह में एक राहत शिविर में शरण लिए हुए हैं.

दिल्ली हिंसा: 22 साल तक देश की सेवा करने वाले का घर भी फूंका, शिविर में रहने को मजबूर जवान बोला- अब लगता है इस देश में रहने का अधिकार नहीं
आस मोहम्मद साल 2002 में रिटायर हो गए थे.
नई दिल्ली:

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल में 22 साल सेवाएं देकर साल 2002 में हेड कांस्टेबल के पद से रिटायर हुए 58 वर्षीय आस मोहम्मद अब उत्तर-पूर्वी दिल्ली के एक शिविर में रहने को मजबूर हैं. पिछले सप्ताह उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में दंगाईयों ने उनके घर को आग के हवाले कर दिया. अब वह सैकड़ों लोगों के साथ मुस्तफाबाद के ईदगाह में एक राहत शिविर में शरण लिए हुए हैं. मोहम्मद का घर पड़ोस में ही भागीरथी विहार में था, जिसे पिछले सप्ताह हिंसक भीड़ ने फूंक दिया. 

एनडीटीवी से बात करते हुए उन्होंने कहा, '200-300 दंगाई आए, पत्थर फेंके और गोलियां चलाईं. इसके बाद घर को आग के हवाले कर दिया. मैं घर के अंदर अपने 26 साल के बेटे के साथ था. हम लोग छत पर गए और फिर पड़ोस के घर में कूद गए. मेरे भतीजे की 29 मार्च को शादी होनी थी इसलिए घर में गहने रखे थे वो भी लूट लिए गए.' मोहम्मद ने अपनी पत्नी और दो बेटों को अपने गृह निवास बुलंदशहर भेज दिया था. 

दिल्ली दंगों में जवान के खाक हुए घर को बनवाएगा BSF, 'शादी के तोहफे' के रूप में देगा 

साथ ही उन्होंने कहा, 'साल 1991 में मैं कश्मीर में तैनात था और मैं जख्मी भी हुआ था. लेकिन अब दंगों में जो हुआ है, उसके बाद से मुझे लगने लगा है कि मुझे इस देश में रहने का अधिकार नहीं.' भागीरथी विहार वो इलाका है, जहां पिछले सप्ताह हुई हिंसा का असर सबसे ज्यादा दिखाई दिया. इस इलाके में चार दिन तक दंगाई लोहे की रॉड, पत्थर और हॉकी की स्टीक लेकर घूमते हुए नजर आए. इस भीड़ ने लोगों के साथ मारपीट, आगजनी और मारपीट की. बता दें, दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हुए हिंसा में 46 लोगों की मौत हो गई, जबकि 200 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए. भागीरथी विहार में रविवार शाम को भी दो शव मिले हैं. 

असदुद्दीन ओवैसी ने फिर साधा BJP पर निशाना, कहा इसे सांप्रदायिक हिंसा नहीं बल्कि....

वहीं, इससे पहले खबर आई थी कि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) अपने कांस्टेबल मोहम्मद अनीस का घर बनवाएगा जिसे उत्तरपूर्वी दिल्ली के दंगों में जला दिया गया. अर्द्धसैनिक बल इसे ‘विवाह के उपहार' के तौर पर उन्हें सौंपेगा. बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 29 वर्षीय कांस्टेबल पश्चिम बंगाल के सिलिगुड़ी के पास राधाबरी में पदस्थापित हैं और ‘‘बहुत जल्द'' उनका तबादला दिल्ली होगा ताकि वह अपने परिवार के साथ रह सकें और अपनी शादी की तैयारियां कर सकें. उत्तरपूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, गोकलपुरी, खजूरी खास और भजनपुरा में हुए दंगों में 46 लोगों की मौत हो गई और 200 से अधिक लोग जख्मी हो गए.

शरद पवार ने दिल्ली हिंसा के लिए केंद्र को ठहराया जिम्मेदार, कहा- 'BJP वहां चुनाव नहीं जीत सकी तो उसने...'

सीमा सुरक्षा बल के अधिकारी ने कहा कि उन्हें मीडिया की खबरों से पता चला कि खजूरी खास में कांस्टेबल के पैतृक आवास को क्षति पहुंचाई गई. अधिकारी ने कहा, ‘‘उत्तरपूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक संघर्ष के दौरान दंगाइयों ने जवान के घर में आग लगा दी जिसमें काफी नुकसान पहुंचा है. उनके परिवार के लोग जहां सुरक्षित हैं वहीं उनके घर को फिर से बनाने और उसका पुनर्निर्माण कराने की जरूरत है.''

वीडियो: रवीश कुमार का प्राइम टाइम : दिल्ली दंगा- बेकरी से लेकर रेडिमेड गारमेन्ट्स को निशाना बनाने की कोशिश

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
बहराइच में सोती हुई बच्ची पर किया भेड़िये ने हमला, आखिर कब खत्म होगा आदमखोर का आतंक
दिल्ली हिंसा: 22 साल तक देश की सेवा करने वाले का घर भी फूंका, शिविर में रहने को मजबूर जवान बोला- अब लगता है इस देश में रहने का अधिकार नहीं
हाथरस का दर्दः टक्कर से 60 मीटर दूर गिरे लोग, झाड़ियों में फंसे रहे घायल, हामिद का तो संसार ही उजड़ गया
Next Article
हाथरस का दर्दः टक्कर से 60 मीटर दूर गिरे लोग, झाड़ियों में फंसे रहे घायल, हामिद का तो संसार ही उजड़ गया
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com