नई दिल्ली:
एक बार फिर दिल्ली सरकार और केंद्र में टकराव की स्थिति बन गई है। दिल्ली के उपराज्यपाल और केंद्र सरकार द्वारा अवैध ठहराए गए डीडीसीए जांच आयोग पर इस बार दोनों उलझे हैं। एक तरफ दिल्ली सरकार जहां कह रही है कि इस आयोग के काम को केवल कोर्ट रोक सकती है वहीं, केंद्र की ओर से इसे अवैध घोषित किया गया है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि अगर केंद्र सरकार को जांच आयोग पर आपत्ति है तो वह कोर्ट जा सकते हैं। यह आयोग अपना काम करता रहेगा। उनका कहना है कि केंद्र सरकार का आदेश उनपर बाध्यकारी नहीं है।
बता दें कि दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने दिल्ली जिला क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) से जुड़े मामले की जांच के लिए अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा गठित किए गए गोपाल सुब्रह्मण्यम आयोग को अवैध और असंवैधानिक करार दिया है।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली करीब 13 सालों तक डीडीसीए के अध्यक्ष रहे हैं। डीडीसीए में घोटाले के बारे में तमाम लोग आवाज उठाते रहे हैं। इनमें सबसे प्रमुख बीजेपी सांसद कीर्ति आजाद भी रहे हैं। उन्होंने कई बार जेटली पर तमाम आरोप लगाए हैं। वे हमेशा से इस कथित घोटाले की सीबीआई जांच की मांग करते रहे हैं। दिल्ली सरकार द्वारा गठित जांच आयोग का भी आजाद समर्थन कर चुके हैं। लगातार पार्टी के वरिष्ठ नेता और वर्तमान केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली पर निशाना साधने के लिए पार्टी ने कीर्ति आजाद को निलंबित कर दिया है।
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार पहले ही तीन सदस्यीय समिति का गठन कर डीडीसीए मामले की जांच करा चुकी है। समिति ने 250 पन्नों की रिपोर्ट में कहीं भी अरुण जेटली का नाम नहीं लिया है। यह रिपोर्ट पिछले ही महीनें दिल्ली सरकार को सौंपी गई है। इस रिपोर्ट को दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल आरंभिक रिपोर्ट करार दिया है। इस रिपोर्ट के बाद केजरीवाल ने पूर्व सॉलीसिटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम की अध्यक्षता में जांच आयोग गठित कर डीडीसीए के कथित घोटाले की जांच करने को कहा है।
इस पूरे मामले में अपना नाम घसीटे जाने के बाद जेटली ने अरविंद केजरीवाल सहित पार्टी के कुछ नेताओं पर मानहानि का केस भी कर दिया है। कोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि अगर केंद्र सरकार को जांच आयोग पर आपत्ति है तो वह कोर्ट जा सकते हैं। यह आयोग अपना काम करता रहेगा। उनका कहना है कि केंद्र सरकार का आदेश उनपर बाध्यकारी नहीं है।
बता दें कि दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने दिल्ली जिला क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) से जुड़े मामले की जांच के लिए अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा गठित किए गए गोपाल सुब्रह्मण्यम आयोग को अवैध और असंवैधानिक करार दिया है।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली करीब 13 सालों तक डीडीसीए के अध्यक्ष रहे हैं। डीडीसीए में घोटाले के बारे में तमाम लोग आवाज उठाते रहे हैं। इनमें सबसे प्रमुख बीजेपी सांसद कीर्ति आजाद भी रहे हैं। उन्होंने कई बार जेटली पर तमाम आरोप लगाए हैं। वे हमेशा से इस कथित घोटाले की सीबीआई जांच की मांग करते रहे हैं। दिल्ली सरकार द्वारा गठित जांच आयोग का भी आजाद समर्थन कर चुके हैं। लगातार पार्टी के वरिष्ठ नेता और वर्तमान केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली पर निशाना साधने के लिए पार्टी ने कीर्ति आजाद को निलंबित कर दिया है।
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार पहले ही तीन सदस्यीय समिति का गठन कर डीडीसीए मामले की जांच करा चुकी है। समिति ने 250 पन्नों की रिपोर्ट में कहीं भी अरुण जेटली का नाम नहीं लिया है। यह रिपोर्ट पिछले ही महीनें दिल्ली सरकार को सौंपी गई है। इस रिपोर्ट को दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल आरंभिक रिपोर्ट करार दिया है। इस रिपोर्ट के बाद केजरीवाल ने पूर्व सॉलीसिटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम की अध्यक्षता में जांच आयोग गठित कर डीडीसीए के कथित घोटाले की जांच करने को कहा है।
इस पूरे मामले में अपना नाम घसीटे जाने के बाद जेटली ने अरविंद केजरीवाल सहित पार्टी के कुछ नेताओं पर मानहानि का केस भी कर दिया है। कोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही है।
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