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This Article is From Sep 15, 2020

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह संसद में बोले- समस्त देशवासी अपने वीर जवानों के साथ खड़े हैं

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने संसद के निचले सदन लोकसभा में लद्दाख मसले को लेकर सीमा पर बने तनाव के बारे में विस्तृत रूप से बयान दिया.

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह संसद में बोले- समस्त देशवासी अपने वीर जवानों के साथ खड़े हैं
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh)
नई दिल्ली:

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने संसद के निचले सदन लोकसभा में लद्दाख मसले को लेकर सीमा पर बने तनाव के बारे में विस्तृत रूप से बयान दिया है. राजनाथ सिंह ने कहा, ''सरकार की विभिन्न खुफिया एजेंसियों के बीच समन्वय का एक विस्तृत और समय परीक्षण तंत्र (Time Tested Mechanism) है, जिसमें केंद्रीय केंद्रीय पुलिस बल (Central Police Forces) और तीनों सशस्त्र बल की खुफिया एजेंसियां शामिल हैं. माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी (Narendra Modi) ने हाल ही में लद्दाख का दौरा कर हमारे बहादुर जवानों से मुलाकात की और उन्होंने यह संदेश भी दिया था कि समस्त देशवासी अपने वीर जवानों के साथ खड़े हैं.''

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उन्होंने कहा, ''मैंने भी लद्दाख जाकर अपने शूरवीरों के साथ कुछ समय बिताया है और मैं आपको यह बताना चाहता हूं कि मैंने उनके अदम्य साहस, शौर्य और पराक्रम को महसूस किया है. अप्रैल से पूर्वी लद्दाख की सीमा पर चीन की सेनाओं की संख्या तथा उनके युद्ध सामाग्री में वृद्धि देखी गई. मई महीने की के प्रारंभ में चीन ने गलवान घाटी क्षेत्र में हमारी ट्रूप्स के नॉर्मल, पारंपरिक गश्त पैटर्न (Traditional Patrolling Pattern) में व्यवधान शुरू किया जिसके कारण फेस-ऑफ की स्थिति उत्पन्न हुई.

राजनाथ सिंह ने कहा, ''LAC पर टकराव बढ़ता हुआ देखकर दोनों तरफ के सैन्य कमांडरों ने 6 जून 2020 को मीटिंग की. इस बात पर सहमति बनी कि पारस्परिक क्रिया के द्वारा disengagement किया जाए. दोनों पक्ष इस बात पर भी सहमत हुए कि LAC को माना जाएगा तथा कोई ऐसी कार्रवाई नहीं की जाएगी, जिससे status-quo बदले.''

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि इस सहमति के उल्लंघन में चीन द्वारा एक हिंसक फेस ऑफ की स्थिति 15 जून को गलवान में क्रिएट की गई. हमारे बहादुर सिपाहियों ने अपनी जान का बलिदान दिया पर साथ ही चीनी पक्ष को भी भारी क्षति पहुचाई और अपनी सीमा की सुरक्षा में कामयाब रहे. इस पूरी अवधि के दौरान हमारे बहादुर जवानों ने, जहां संयम की जरूरत थी वहां संयम रखा तथा जहां शौर्य की जरुरत थी, वहां शौर्य प्रदर्शित किया. मैं सदन से यह अनुरोध करता हूं कि हमारे दिलेरों की वीरता एवं बहादुरी की भूरि-भूरि प्रशंसा करने में मेरा साथ दें.

उन्होंने कहा, ''एक ओर किसी को भी हमारे सीमा की सुरक्षा के प्रति हमारे determination के बारे में संदेह नहीं होना चाहिए, वहीं भारत यह भी मानता है कि पड़ोसियों के साथ शांतिपूर्ण संबंधों के लिए आपसी सम्मान और आपसी sensitivity आवश्यक हैं. LAC का सम्मान करना और उसका कड़ाई से पालन किया जाना, सीमा क्षेत्रों में शांति और सद्भाव का आधार है और इसे 1993 एवं 1996 के समझौतों में स्पष्ट रूप से स्वीकार किया गया है. जबकि हमारी armed forces इसका पूरी तरह पालन करती हैं, चीन की तरफ से ऐसा नहीं हुआ है.

सदन में रक्षा मंत्री ने कहा, ''अभी की स्थिति के अनुसार, चीन ने LAC  और अंदरूनी क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सैनिक टुकड़ियां और गोलाबारूद मोबिलाइज किया हुआ है.  पूर्वी लद्दाख और गोरगा, कोन्गका ला और पैंगॉन्ग लेक का उत्तरी और साउथ बैंक्स पर कई friction areas हैं. चीन की कार्रवाई के जवाब में हमारी armed forces ने भी इन क्षेत्रों में उपयुक्त counter deployments किए हैं ताकि भारत के security interests पूरी तरह सुरक्षित रहे.''

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