प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को इस रक्षा प्रदर्शनी का औपचारिक उद्घाटन करेंगे
तिरूवेदांती:
भारत की भव्य रक्षा प्रदर्शनी बुधवार से तिरूवेदांती में शुरू हो गई. प्रदर्शनी में घरेलू रक्षा कंपनियों के अलावा दुनिया भर से आयी रक्षा क्षेत्र की बड़ी-बड़ी कंपनियां आधुनिक हथियारों और रक्षा उत्पादों का प्रदर्शन कर रही हैं.
गौरतलब है कि इन सभी कंपनियों की आंखें सेना के आधुनिकीकरण के कारण होने वाली अरबों डॉलर की रक्षा खरीदी पर टिकी हुई हैं. राजग सरकार 10 वीं रक्षा प्रदर्शनी को भारत को सैन्य उत्पादन केन्द्र के रूप में बदलने के गंभीर प्रयास के रूप में पेश करने की योजना बना रही है. भारत सैन्य साजो - सामान का सबसे बड़ा आयातक है.
रक्षा मंत्री के हस्तक्षेप के बाद 2009 से गायब जवान की पेंशन स्वीकृत
आशा की जा रही है कि भारत अगले पांच वर्षों में रक्षा उपकरणों की खरीदी पर 300 अरब डॉलर खर्च करने की योजना बना रहा है. दुनिया की लगभग सभी कंपनियों की नजरें इन सौदों पर हैं. इस चार दिवसीय प्रदर्शनी का आयोजन कांचीपुरम जिले के तिरुवेदांती में हो रहा है. इसका औपचारिक उद्घाटन गुरुवार , 12 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट किया, 'पहली बार, @ डिफेंसएक्सपोइंडिया में भारत अपनी रक्षा क्षमता का प्रदर्शन करेगा.’
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, 154 विदेशी रक्षा उत्पादकों सहित 670 से ज्यादा रक्षा कंपनियां प्रदर्शनी में हिस्सा ले रही हैं. रक्षा प्रदर्शनी, 2018 से हथियारों एवं उसके उपकरणों के निर्यातक के रूप में ब्रांड इंडिया को मदद मिलेगी. आयोजकों ने बताया कि रक्षा प्रदर्शनी रक्षा उपकरणों एवं संबंधित प्रणालियों के संबंध में भारत के अहम सार्वजनिक क्षेत्र की ताकत प्रदर्शित करने के साथ ही देश के उभरते निजी उद्योग और फैलते सूक्ष्म , लघु और मझोले उपक्रमों को भी सामने रखेगी.
9 साल के लंबे इंतजार के बाद अब सेना को मिलेंगी बुलेट प्रूफ जैकेट
इस कार्यक्रम में स्वदेशी तकनीकी से विकसित सैन्य हेलीकॉप्टर , विमान , मिसाइलें , रॉकेट , पनडुब्बियां , जंगी जहाज विकसित करने की क्षमता प्रदर्शित की जाएगी. टाटा , एलएंडटी , कल्याण , भारत फोर्ज , महिंद्रा , डीआरडीओ , एचएएल , ओर्डेनेंस फैक्ट्रीज जैसी निजी एवं सार्वजनिक विशाल कंपनियां प्रदर्शनी में हिस्सा ले रही हैं.
लॉकहीड मार्टिन , बोइंग (अमेरिका), साब (स्वीडेन), एयरबस , राफेल (फ्रांस), रोसोनबोरोन एक्सपोर्ट्स , यूनाइटेड शिपबिल्डिंग (रूस), बीएई (ब्रिटेन), सिबत (इस्राइल), वार्टसिला (फिनलैंड ) जैसी जानी मानी विदेशी कंपनियां भी प्रदर्शनी में पहुंच रही हैं.
गौरतलब है कि इन सभी कंपनियों की आंखें सेना के आधुनिकीकरण के कारण होने वाली अरबों डॉलर की रक्षा खरीदी पर टिकी हुई हैं. राजग सरकार 10 वीं रक्षा प्रदर्शनी को भारत को सैन्य उत्पादन केन्द्र के रूप में बदलने के गंभीर प्रयास के रूप में पेश करने की योजना बना रही है. भारत सैन्य साजो - सामान का सबसे बड़ा आयातक है.
रक्षा मंत्री के हस्तक्षेप के बाद 2009 से गायब जवान की पेंशन स्वीकृत
आशा की जा रही है कि भारत अगले पांच वर्षों में रक्षा उपकरणों की खरीदी पर 300 अरब डॉलर खर्च करने की योजना बना रहा है. दुनिया की लगभग सभी कंपनियों की नजरें इन सौदों पर हैं. इस चार दिवसीय प्रदर्शनी का आयोजन कांचीपुरम जिले के तिरुवेदांती में हो रहा है. इसका औपचारिक उद्घाटन गुरुवार , 12 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट किया, 'पहली बार, @ डिफेंसएक्सपोइंडिया में भारत अपनी रक्षा क्षमता का प्रदर्शन करेगा.’
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, 154 विदेशी रक्षा उत्पादकों सहित 670 से ज्यादा रक्षा कंपनियां प्रदर्शनी में हिस्सा ले रही हैं. रक्षा प्रदर्शनी, 2018 से हथियारों एवं उसके उपकरणों के निर्यातक के रूप में ब्रांड इंडिया को मदद मिलेगी. आयोजकों ने बताया कि रक्षा प्रदर्शनी रक्षा उपकरणों एवं संबंधित प्रणालियों के संबंध में भारत के अहम सार्वजनिक क्षेत्र की ताकत प्रदर्शित करने के साथ ही देश के उभरते निजी उद्योग और फैलते सूक्ष्म , लघु और मझोले उपक्रमों को भी सामने रखेगी.
9 साल के लंबे इंतजार के बाद अब सेना को मिलेंगी बुलेट प्रूफ जैकेट
इस कार्यक्रम में स्वदेशी तकनीकी से विकसित सैन्य हेलीकॉप्टर , विमान , मिसाइलें , रॉकेट , पनडुब्बियां , जंगी जहाज विकसित करने की क्षमता प्रदर्शित की जाएगी. टाटा , एलएंडटी , कल्याण , भारत फोर्ज , महिंद्रा , डीआरडीओ , एचएएल , ओर्डेनेंस फैक्ट्रीज जैसी निजी एवं सार्वजनिक विशाल कंपनियां प्रदर्शनी में हिस्सा ले रही हैं.
लॉकहीड मार्टिन , बोइंग (अमेरिका), साब (स्वीडेन), एयरबस , राफेल (फ्रांस), रोसोनबोरोन एक्सपोर्ट्स , यूनाइटेड शिपबिल्डिंग (रूस), बीएई (ब्रिटेन), सिबत (इस्राइल), वार्टसिला (फिनलैंड ) जैसी जानी मानी विदेशी कंपनियां भी प्रदर्शनी में पहुंच रही हैं.
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