
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कमांडर कॉन्फ्रेंस (Commander Conference) में भारतीय सेना के शीर्ष नेतृत्व को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी सेना राष्ट्र की अखंडता और संप्रभुता को सही मायने में सुनिश्चित करती है.
हमारे प्रादेशिक और क्षेत्रीय अखंडता को अक्षुण्ण बनाए रखने तथा प्रतिकूल मौसम से मुकाबला करने वाले बहादुर सैनिकों को अत्याधुनिक हथियार और साजो सज्जा तथा पोशाक मुहैया कराने की हमारी राष्ट्रीय जिम्मेदारी है.
रक्षा मंत्री ने चीन के साथ उत्तरी सीमा विवाद पर कहा कि हमारी सेना मजबूती के साथ बॉर्डर पर तैनात है लेकिन समस्या को शांति पूर्वक सुलझाने के लिये बातचीत जारी रहेगी.
राजनाथ सिंह ने जम्मू कश्मीर में आतंकवाद से निपटने में सीआरपीएफ-पुलिस बल और सेना के सहयोग और समन्वय की काफी तारीफ की. रक्षा मंत्री ने बॉर्डर रोड्स ऑर्गेनाइजेन (BRO) की भी सराहना कि विपरीत हालात में वह दूर दराज इलाके में सड़क बना रही है .
इसके साथ ही उन्होंने यह भी साफ किया कि सेना की जरूरतों और क्षमता की बढ़ोतरी के लिये बजट की कोई कमी आने नही दी जाएगी.
सीमा विवाद पर अमेरिका ने किया भारत का समर्थन तो बौखलाया चीन
इससे पहले भारत-चीन (India China Clash) के बीच लद्दाख (Ladakh) में सीमा विवाद पर अमेरिका (America) ने एक बार फिर चीन को आईना दिखाते हुए भारत का साथ दिया है. अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ (Mike Pompeo) ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh), विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) से मुलाकात के बाद कहा कि अमेरिका भारत की ओर से अपनी अखंडता के लिए किए जा रहे कदमों में उसके साथ खड़ा है. अमेरिकी विदेश मंत्री के इस बयान से चीन तिलमिला गया और बयान जारी करते हुए कहा कि यह दो देशों के बीच का द्विपक्षीय मामला है और इसमें किसी भी तीसरे पक्ष के दखल के लिए कोई जगह नहीं है.
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