Ladakh Clash: पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के मुद्दे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने बुधवार सुबह चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ (CDS) और तीनों सेना के प्रमुखों के साथ अहम बैठक की. बैठक में लद्दाख झड़प (Ladakh Clash) के मद्देनजर एलएसी पर स्थिति की समीक्षा की गई. बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, थल सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवाने, नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने हिस्सा लिया. बाद में रक्षा मंत्री ने एक ट्वीट करते हुए लद्दाख में देश के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वहन करने वाले भारतीय सैनिकों के बलिदान को याद किया. रक्षा मंत्री ने अपने ट्वीट में लिखा, “गालवान में सैनिकों का नुकसान (Loss) दर्दनाक है. हमारे सैनिकों ने अनुकरणीय साहस और वीरता का परिचय दिया और भारतीय सेना की सर्वोच्च परंपराओं का निर्वाह करते हुए अपने जीवन का बलिदान कर दिया. उन्होंने लिखा, “राष्ट्र इन जवानों की बहादुरी और बलिदान को कभी नहीं भूलेगा. मेरा दिल इस समय जीवन बलिदान करने वाले सैनिकों के परिवारों के लिए भावुक है. देश इस मुश्किल घड़ी में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है. हमें भारत के जवानों के शौर्य और साहस पर गर्व है. ”
The loss of soldiers in Galwan is deeply disturbing and painful. Our soldiers displayed exemplary courage and valour in the line of duty and sacrificed their lives in the highest traditions of the Indian Army.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) June 17, 2020
पूर्वी लद्दाख में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिकों को जान गंवानी पड़ी थी जबकि चार सैनिक गंभीर रूप से घायल हुस हैं. यह हिंसक झड़प उस समय शुरू हुई जब भारतीय सैनिक सीमा के भारत की तरफ चीनी सैनिकों द्वारा लगाए गए टेंट को हटाने गए थे. चीन ने 6 जून को दोनों पक्षों के लेफ्टिनेंट जनरल-रैंक के अधिकारियों के बीच बातचीत के बाद इस टेंट को हटाने पर सहमति जताई थी. सूत्रों ने कहा कि चीनी सैनिकों द्वारा भारतीय कर्नल बीएल संतोष बाबू को निशाना बनाने के बाद एक शारीरिक संघर्ष छिड़ गया और दोनों पक्षों के बीच डंडों, पत्थरों और रॉड का जमकर इस्तेमाल हुआ.
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