यह ख़बर 19 जनवरी, 2011 को प्रकाशित हुई थी

46 हजार करोड़ के रक्षा सौदों पर हो सकते हैं हस्ताक्षर

खास बातें

  • रक्षा राज्यमंत्री एमएम पल्लम राजू ने बताया कि 11वीं पंचवर्षीय योजना में ऑफसेट सौदों का मूल्य 10,000 करोड़ रुपये से अधिक रहने की संभावना है।
नई दिल्ली:

भारत अगले पांच से दस साल में 46,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के रक्षा सौदों पर हस्ताक्षर कर सकता है। रक्षा राज्यमंत्री एमएम पल्लम राजू ने बताया, 11वीं पंचवर्षीय योजना में ऑफसेट सौदों का मूल्य 10,000 करोड़ रुपये से अधिक रहने की संभावना है। इसके अलावा, 4,818 करोड़ रुपये मूल्य के ऑफसेट सौदों पर बातचीत चल रही है, जबकि 31,500 करोड़ रुपये मूल्य के सौदे अन्य चरणों में हैं। रक्षा खरीद प्रक्रिया (डीपीपी) के तहत विदेशी वेंडरों को भारतीय रक्षा, नागर विमानन या आंतरित सुरक्षा क्षेत्र के 300 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के ठेकों में कम से कम 30 प्रतिशत मूल्य का काम भारतीय विनिर्माताओं से करना अनिवार्य कर दिया गया है। सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण पर 100 अरब डॉलर से अधिक राशि खर्च करने की भारत की योजना है। इससे ऑफसेट की शर्तों के अनुसार विदेशी कंपनियां इन क्षेत्रों में 30 अरब डॉलर के ठेकों के अनुबंध भारतीय विनिर्माताओं से कर सकते हैं। राजू ने कहा कि ऑफसेट लघु एवं मझोले उद्यमियों के लिए एक आपूर्तिकर्ता के तौर पर उभरने का अवसर प्रदान करता है। ये उद्यमी भारतीय रक्षा कंपनियों को आपूर्ति कर सकते हैं और अच्छी आमदनी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि 9,943 करोड़ रुपये मूल्य के 12 आफसेट सौदों पर पहले ही हस्ताक्षर किए जा चुके हैं और इससे 85 से अधिक सार्वजनिक एवं निजी कंपनियां लाभान्वित हुई हैं।


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com