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This Article is From May 09, 2020

6 बैकों को 400 करोड़ रुपये का चूना लगाकर चावल व्यापारी देश छोड़कर भागा, संपत्ति भी बेच डाली, SBI मलती रह गई हाथ

भारतीय बैंकों से करोड़ो रुपया लेकर विदेश भाग जाने वालों की फेरहिस्त बढ़ती जा रही है. अब इसमें बासमती चावल का व्यापार करने वाली कंपनी रामदेव इंटरनेशन लिमिटेड के मालिक का भी नाम शामिल हो गया.

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6 बैकों को 400 करोड़ रुपये का चूना लगाकर चावल व्यापारी देश छोड़कर भागा, संपत्ति भी बेच डाली, SBI मलती रह गई हाथ
रामदेव इंटरनेशनल लिमिटेड चावल निर्यात का व्यापार करती है
नई दिल्ली:

भारतीय बैंकों से करोड़ो रुपया लेकर विदेश भाग जाने वालों की फेरहिस्त बढ़ती जा रही है. अब इसमें बासमती चावल का व्यापार करने वाली कंपनी रामदेव इंटरनेशन लिमिटेड के मालिक का भी नाम शामिल हो गया. आरोप है कि दिल्ली के रहने वाले इस कंपनी के मालिक ने एसबीआई और कुछ दूसरी बैंकों से करीब 400 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था. लेकिन उसके खिलाफ चार सालों तक कोई शिकायत नहीं हुई. अब पता चला है कि मालिक विदेश भाग गया है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत पर सीबीआई ने कंपनी के मालिक और उसके चार निदेशकों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. सीबीआई की जांच में पता चला है इस शख्स ने 6 बैंकों से उधार लिया था और साल 2016 से लापता है.

साल 2016 में ही कंपनी को एनपीए घोषित कर दिया गया था. चार साल बीते फरवरी को एसबीआई की ओर से शिकयत की गई थी. इसके बाद बीते 28 अप्रैल को सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की थी. 

मिली जानकारी के मुताबिक रामदेव इंटरनेशन ने कुल 414 करोड़ रुपये बैंकों से उधार लिए हैं. जिसमें 173.11 करोड़ एसबीआई से, केनेरा बैंक से 76.09 करोड़, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से 64.31 करोड़ रुपया, 51.31 करोड़ सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से,  36.91  करोड़ कारपोरेशन बैंक से और 12.27 करोड़ रुपया आइडीबीआई बैंक से लेकर फरार हो गया है. 

सीबीआई ने फिलहाल ने कंपनी और उसके निदेशक, नरेश कुमार, सुरेश कुमार, संगीत और कुछ अज्ञात सरकारी अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. इसमें धोखाधड़ी, क्रिमिनल ब्रीच ऑफ ट्रस्ट और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं. एनडीटीवी को एसबीआई की ओर से की गई शिकायत की कॉपी भी मिली है जिसमें कहा गया है कि जिसमें कहा गया है कि कंपनी को एनपीए में डाल दिया गया था.

एसबीआई ने कहा है कि साल 2016 में किए गए ऑडिट में पाया गया था कि आरोपी ने खातों में गड़बड़ी की, बैंलेंस शीट में धोखाधड़ी और गैर कानूनी तरीके से प्लांट को हटा और मशीनरी को हटा दिया ताकि गैरकानूनी तरीके से बैंक फंड में लागत को घटाया जा सके. इसके बाद जब बैंक की ओर से जांच की गई तो कंपनी के सदस्य गायब हो गए. बाद में पता चला कि सभी देश छोड़कर फरार हो गए हैं.  

एसबीआई ने साथ में यह भी सफाई दी है कि कार्रवाई में कोई देरी नहीं हुई है. लेकिन आपको बता दें कि कंपनी के मालिक के फरार होने की जानकारी एक साल पहले ही हो चुकी थी जब एक दूसरी कंपनी ने इसके खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्युनल में घसीटा. वहां भी 30 लाख रुपये के भुगतान को लेकर मामला चल रहा है. इस मामले में ट्रिब्युनल ने रामदेव इंटनेशन के तीन निदेशकों के खिलाफ नोटिस जारी किया. लेकिन इनका कोई पता नहीं चला. साल 2018 में ट्रिब्युनल को बताया गया कि आरोपी निदेशक दुबई भाग गए हैं.

मामले की जांच कर रहे सीबीआई के अधिकारियों ने NDTV को बताया कि एसबीआई ने शिकायत तब की जब उसका रुपया वापस नहीं मिला क्योंकि आरोपी अपनी ज्यादातर संपत्ति बेंचकर फरार हो गए हैं. अभी तक इस मामले में एसबीआई को ओर से कोई बयान मिल नहीं मिल पाया है.

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