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This Article is From Nov 30, 2016

30 दिसंबर तक पुराने नोटों को जमा कराने की समयसीमा नहीं बढ़ाई जाएगी

30 दिसंबर तक पुराने नोटों को जमा कराने की समयसीमा नहीं बढ़ाई जाएगी
प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर...
नई दिल्‍ली: सरकार ने कहा है कि वह इस महीने के अंत तक 500 और 100 रुपये के पुराने नोटों पर प्रतिबंध लगाने के अपने रुख पर कायम है. गैरकानूनी नोटों को बैंकों की शाखाओं मे में 30 दिसंबर तक जमा करा दिया जाना चाहिए. जिनके पास कालाधन है, उनके पास इसके खुलासे के लिए नया चांस है और उन्‍हें कर में रूप में 50 प्रतिशत देना होगा. काले या अघोषित धन पर सरकार द्वारा कर लगाने का नया प्रस्‍ताव कल लोकसभा में पास कर दिया गया.

-साल के अंत तक 500 और 1000 रुपये के सभी पुराने नोटों को जमा करा दिया जाएगा. एक अकाउंट में 2.5 लाख रुपये से अधिक जमाधन का टैक्‍स अधिकारियों द्वारा अध्‍ययन किया जाएगा. अब तक करीब 90 बिलियन डॉलर्स के पुराने नोटों को बैंकों में रखा गया हैं.  

-सरकार ने कहा है कि खातों में किए गए कालेधन के खुलासे में राशि का 50 प्रतिशत कर और जुर्माना लगाया जाएगा.
प्रस्तावित संशोधित आयकर कानून में यह भी प्रावधान है कि घोषणा करने वालों को अपनी कुल जमा राशि का 25 प्रतिशत प्रधानमंत्री मंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) में लगाना होगा, जहां कोई ब्याज नहीं मिलेगा. साथ ही इस राशि को चार साल तक नहीं निकाला जा सकेगा.

-खुलासा राशि का शेष 25 प्रतिशत मालिक को तत्काल उपयोग के लिए उपलब्ध हो जाएगा.

-सरकार द्वारा प्रस्ताव किया गया है कि अगर लोग अपनी अघोषित नकद की घोषणा करते हैं, तो उन्हें कर एवं जुर्माने के रूप में 50 प्रतिशत देना होगा, जबकि ऐसा नहीं करने और पकड़े जाने पर 85 प्रतिशत कर एवं जुर्माना लगेगा.

-वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा आयकर कानून में संशोधन के लिए लोकसभा में कराधान कानून (दूसरा संशोधन) विधेयक 2016 सोमवार को पेश किया गया था जिसे मंगलवार यानी आज पास कर दिया गया है. अब यह बिल राज्यसभा में पेश किया जाएगा. राज्यसभा के पास 14 दिनों के भीतर इसे पास करने का विकल्प है. इस वक्त के बीतने के बाद यह पास ही माना जाएगा. हालांकि विधेयक पर चर्चा से पहले नोटबंदी के मुद्दे पर कार्यस्थगन के प्रावधान के तहत चर्चा शुरू कराने की मांग पर विपक्ष का विरोध जारी रहा.

-क्योंकि यह प्रस्ताव एक धन विधेयक है, लिहाजा राज्‍यसभा या उच्‍च सदन में, जहां सरकार अल्‍पमत में है, में बदलाव की मांग नहीं कर सकती.

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