राम जेठमलानी (फाइल फोटो)
मुंबई:
वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने एक बार फिर दावा किया कि वो सालों पहले लंदन में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से मिले थे। जेठमलानी के मुताबिक दाऊद ने उनसे कहा था कि वो कुछ शर्तों के साथ भारत लौटना चाहता है, लेकिन महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री शरद पवार ने उन शर्तों को मानने से इनकार कर दिया।
राम जेठमलानी ने कहा है दाऊद ने देश लौटने के लिए कुछ शर्तें रखी थीं। उसने मुझसे कहा था "वो देश लौटने के लिए तैयार है, अगर उसे आश्वस्त किया जाए कि पूछताछ में उसके खिलाफ थर्ड डिग्री का इस्तेमाल नहीं होगा। सारी कानूनी प्रक्रिया के दौरान उसे घर में नज़रबंद रखा जाएगा। मुझे याद है इस मामले में मैंने शरद पवार को ख़त लिखा था।"
जेठमलानी ने कहा, ...लेकिन तत्कालीन केंद्र सरकार के अलावा महाराष्ट्र सरकार के मुखिया शरद पवार ने दाऊद की शर्तों को मानने से इनकार कर दिया। इस मामले में शरद पवार का कहना है कि प्रस्ताव आया था ये सच है, लेकिन उसने समर्पण के साथ कुछ शर्तें रखी थीं, हमने कह दिया था कि ये हमें मंज़ूर नहीं है।"
उधर इस मामले में केंद्र सरकार ने कोई टिप्पणी से इनकार कर दिया। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "भारत सरकार को जो करना है, हम कर रहे हैं, हम दूसरों पर टिप्पणी नहीं करेंगे"।
वैसे ये सच है कि देश में दूसरे मुद्दों की तरह दाऊद को भी भारत वापस लाने के मुद्दे को हर सियासी दल चुनावी जुमले की तरह इस्तेमाल करता है। हर दल दावा करता है कि सरकार में आने के बाद वो देश को मुजरिम को देश लेकर आएगा, लेकिन हर बार सिवाय भाषण के होता कुछ नहीं है।
राम जेठमलानी ने कहा है दाऊद ने देश लौटने के लिए कुछ शर्तें रखी थीं। उसने मुझसे कहा था "वो देश लौटने के लिए तैयार है, अगर उसे आश्वस्त किया जाए कि पूछताछ में उसके खिलाफ थर्ड डिग्री का इस्तेमाल नहीं होगा। सारी कानूनी प्रक्रिया के दौरान उसे घर में नज़रबंद रखा जाएगा। मुझे याद है इस मामले में मैंने शरद पवार को ख़त लिखा था।"
जेठमलानी ने कहा, ...लेकिन तत्कालीन केंद्र सरकार के अलावा महाराष्ट्र सरकार के मुखिया शरद पवार ने दाऊद की शर्तों को मानने से इनकार कर दिया। इस मामले में शरद पवार का कहना है कि प्रस्ताव आया था ये सच है, लेकिन उसने समर्पण के साथ कुछ शर्तें रखी थीं, हमने कह दिया था कि ये हमें मंज़ूर नहीं है।"
उधर इस मामले में केंद्र सरकार ने कोई टिप्पणी से इनकार कर दिया। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "भारत सरकार को जो करना है, हम कर रहे हैं, हम दूसरों पर टिप्पणी नहीं करेंगे"।
वैसे ये सच है कि देश में दूसरे मुद्दों की तरह दाऊद को भी भारत वापस लाने के मुद्दे को हर सियासी दल चुनावी जुमले की तरह इस्तेमाल करता है। हर दल दावा करता है कि सरकार में आने के बाद वो देश को मुजरिम को देश लेकर आएगा, लेकिन हर बार सिवाय भाषण के होता कुछ नहीं है।
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