प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
डेनमार्क की एक 52 वर्षीय महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म मामले में अभियोजन को उस समय खासा बल मिला जब एक फारेंसिक विशेषज्ञ ने दिल्ली की अदालत में कहा कि आरोपियों का डीएनए पीड़ित के कपड़ों से एकत्र किए गए नमूनों से मिलता है।
फर्जी रिपोर्ट तैयार करने की दलील से इनकार
दिल्ली की फारेंसिक साइंस लैबोरेटरी के वरिष्ठ वैज्ञानिक सहायक (जीव विज्ञान) डीएस पालीवाल अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कावेरी बावेजा की अदालत में अभियोजन गवाह के तौर पर पेश हुए। उन्होंने अदालत में कहा कि महिला के कपड़ों, एक कंबल और अन्य सामग्री से लिए गए डीएनए नमूनों से आरोपियों के डीएनए नमूने मिलते हैं। उन्होंने बचाव पक्ष के वकील की दलीलों से इनकार किया कि उन्होंने जांच एजेंसी (दिल्ली पुलिस) या जांच अधिकारी के कहने पर वस्तुओं की जांच किए बिना एक गलत और फर्जी रिपोर्ट तैयार की।
डेनमार्क की रिपोर्ट से समानता
पालीवाल ने कहा कि यह कहना गलत है कि उन्होंने उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना रिपोर्ट तैयार की। यह कहना गलत होगा कि वह गलत बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले से संबंधित 60 पार्सल जांच के लिए एफएसएल रोहिणी को मिले थे। पालीवाल ने यह भी गवाही दी कि उन्होंने डेनमार्क के कोपेनहेगन विश्वविद्यालय के फारेंसिक मेडिसिन विभाग द्वारा तैयार रिपोर्ट देखी है और उनका मानना है कि दोनों रिपोर्टों में समानता है।
अदालत ने अभियोजन के अन्य गवाहों के बयान दर्ज करने के लिए 21 नवंबर की तारीख तय की है। पुलिस ने अपने आरोप पत्र में कहा है कि पिछले साल 14 जनवरी को नौ आरोपियों ने कथित तौर पर डेनमार्क की पर्यटक के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और लूटपाट की।
फर्जी रिपोर्ट तैयार करने की दलील से इनकार
दिल्ली की फारेंसिक साइंस लैबोरेटरी के वरिष्ठ वैज्ञानिक सहायक (जीव विज्ञान) डीएस पालीवाल अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कावेरी बावेजा की अदालत में अभियोजन गवाह के तौर पर पेश हुए। उन्होंने अदालत में कहा कि महिला के कपड़ों, एक कंबल और अन्य सामग्री से लिए गए डीएनए नमूनों से आरोपियों के डीएनए नमूने मिलते हैं। उन्होंने बचाव पक्ष के वकील की दलीलों से इनकार किया कि उन्होंने जांच एजेंसी (दिल्ली पुलिस) या जांच अधिकारी के कहने पर वस्तुओं की जांच किए बिना एक गलत और फर्जी रिपोर्ट तैयार की।
डेनमार्क की रिपोर्ट से समानता
पालीवाल ने कहा कि यह कहना गलत है कि उन्होंने उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना रिपोर्ट तैयार की। यह कहना गलत होगा कि वह गलत बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले से संबंधित 60 पार्सल जांच के लिए एफएसएल रोहिणी को मिले थे। पालीवाल ने यह भी गवाही दी कि उन्होंने डेनमार्क के कोपेनहेगन विश्वविद्यालय के फारेंसिक मेडिसिन विभाग द्वारा तैयार रिपोर्ट देखी है और उनका मानना है कि दोनों रिपोर्टों में समानता है।
अदालत ने अभियोजन के अन्य गवाहों के बयान दर्ज करने के लिए 21 नवंबर की तारीख तय की है। पुलिस ने अपने आरोप पत्र में कहा है कि पिछले साल 14 जनवरी को नौ आरोपियों ने कथित तौर पर डेनमार्क की पर्यटक के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और लूटपाट की।
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डेनमार्क की महिला से गैंगरेप, फारेंसिक रिपोर्ट पेश, डीएनए नमूने मिले, दिल्ली की अदालत, डीएस पालीवाल, Gang Rape In Delhi, Dennis Women, Forensic Report, Delhi Court