उनका यह बयान देश के मौजूदा माहौल में विपक्ष के ‘मुल्क में फैली असहिष्णुता’ के दावे के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में आया था। दलाई लामा के इस बयान के बाद ट्विटर में उनके पक्ष और विरोध में तमाम तर्क और बयानों की बाढ़ से आ गई। असर यह हुआ है कि देखते देखते दलाई लामा ट्विटर पर ट्रेंड करने लगे।
दलाई लामा पर सबसे पहले बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने सीधे हमला बोला और कहा कि उन्हें ऐसा बयान नहीं देना चाहिए था। उन्होंने कहा कि दलाई लामा का यह बयान बताता है कि उन्हें ज्यादा जानकारी नहीं है।
His (Dalai Lama) comments were uncalled for, it shows ignorance on his part: Subramanian Swamy pic.twitter.com/fdsSaEqYz6
— ANI (@ANI_news) November 15, 2015
इतना ही नहीं, कांग्रेस पार्टी के नेता शकील अहमद ने भी इस मुद्दे पर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि पार्टी दलाई लामा के बयान से पूरी तरह सहमत है।
There is absolutely no second thought about it.We are 100 percent in agreement with the statement of the Dalai Lama: Shakeel Ahmad, Congress
— IndiaTodayFLASH (@IndiaTodayFLASH) November 15, 2015
कांग्रेस पार्टी की अन्य नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट कर कहा कि जहां अमिताभ बच्चन भी टैगोर के विचारों का समर्थन कर रहे हैं और दलाई लामा हिंदुओं को शांतिप्रिय बता रहे हैं, ऐसे में भक्तों का नाराज होना लाजमी है।
Amitabh B talks of recalling Tagore's lessons of equality&cultural diversity. Dalai Lama on Hindu belief in harmony.Bhakts must be outraged!
— Priyanka Chaturvedi (@priyankac19) November 15, 2015
आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी मरलेना ने ट्वीट कर लिखा है कि वह अब इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि कब कोई भक्त यह लिखता है कि दलाई लामा पाकिस्तानी एजेंट हैं।
I'm now waiting for some bhakt to suggest that the Dalai Lama is actually a Pakistani agent!
— Atishi Marlena (@AtishiMarlena) November 15, 2015
फिल्मकार अशोक पंडित ने भी दलाई लामा पर सीधे हमला करते हुए कहा कि अगर हम शांति और भाईचारा में यकीन नहीं करते तो आपको यहां शरण नहीं दी गई होती। हमें भाषण देना बंद करें।
If V wouldn't hv believed in peace & amity thn Dalai Lama Wd nt hv got shelter in India.Hence shd stop lecturing us. https://t.co/dkZa7nbL6X
— Ashoke Pandit (@ashokepandit) November 15, 2015
अरुण मैसूर नाम के शख्स ने तो लिख दिया है कि अब दलाई लामा की सुरक्षा बढ़ाने की जरूरत पड़ेगी।
Dalai Lama needs more security now. Anyway Tibet is a part of China for BJP ( #Weakpayee had said) https://t.co/qEQiXGKxfu
— Arun Mysore (@arunmsk) November 15, 2015
सुनील बत्रा नाम के शख्स ने लिखा है कि भारत के हिन्दू शांतिप्रिय और सहिष्णु हैं। उन्होंने कहा कि दलाई लामा ने किसी और धर्म के लोगों के बारे में नहीं कहा है।
Dalai Lama said "hindus of India r peaceful".He didnt mention muslim or anyother community.I agree to it. Only hindu are peaceful & tolerant
— Sunil Batra (@SunilBatra80) November 15, 2015
प्रे फॉर पीस नाम से ट्वीट करने वाली कोमल ने सवाल उठाया है कि आरएसएस, अनुपम खेर, चेतन भगत जैसे लोग अराजनीतिक होते हुए भी राजनीतिक टिप्पणियां कर सकते हैं लेकिन दलाई लामा धर्मगुरु होते हुए राजनीतिक टिप्पणी नहीं कर सकते।
RSS, Anupam Kher, Chetan Bhagat etc 'apoliticals' can always poke their nose in politics, but Dalai Lama shudnt talk politics ! #BhaktLogic
— #PrayForPeace (@Komal_Indian) November 15, 2015
कुछ लोगों ने तो इस बात पर ही आश्चर्य जताया है कि मोदी भक्त हिंदुओं को शांतिप्रिय कहे जाने पर दलाई लामा की निंदा क्यों कर रहे हैं यह समझ से परे है। ट्विटर पर कुछ लोग सरकार को यह भी सलाह देने से बाज नहीं आए कि भारत में शरण पाए दलाई लामा को अब दरवाजा दिखा दिया जाना चाहिए।
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