दादरी कांड : एक आरोपी की न्‍यायिक हिरासत में मौत, पुलिस ने कहा-किडनी फेल होने से हुई मौत

दादरी कांड : एक आरोपी की न्‍यायिक हिरासत में मौत, पुलिस ने कहा-किडनी फेल होने से हुई मौत

रवि का फाइल फोटो

खास बातें

  • पिछले साल सितंबर में अखलाक की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्‍या कर दी थी
  • अखलाक पर बीफ खाने के संदेह के चलते हमला हुआ था
  • अखलाक केस में रॉबिन आरोपी था
नई दिल्‍ली:

दादरी के अखलाक मर्डर केस के एक आरोपी रवि उर्फ रॉबिन की न्‍यायिक हिरासत में मौत हो गई. अखलाक की बीफ खाने के संदेह के आधार पर भीड़ ने पीट-पीटकर हत्‍या कर दी थी.

रॉबिन की मौत के न्यायिक जांच के आदेश दे दिए गए हैं. रॉबिन की मौत के बाद इलाके में तनाव पैदा हो गया है. इसे देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है. रॉबिन की एक साल पहले ही शादी हुई थी.

एलएनजेपी अस्पताल के मेडिकल सुपरिन्टेंडेंट डॉ. जे.सी. पासी ने बताया, 'उसे दोपहर करीब 12 बजे यहां बहुत बुरी अवस्था में लाया गया था. उसके गुर्दे काम नहीं कर रहे थे, ब्लड शुगर का स्तर अत्यधिक था. शाम सात बजे उसकी मौत हो गई.' उन्होंने बताया कि रवि के गुर्दे और श्वांस तंत्र काम नहीं कर रहे थे.

जरचा पुलिस थाने के प्रभारी प्रदीप कुमार सिंह ने बताया, 'रवि को आज सुबह जेल से नोएडा में जिला अस्पताल ले जाया गया. फिर हालत बिगड़ने पर उसे दिल्ली के अस्पताल लाया गया.' यह आशंका भी है कि रवि को डेंगू था. बहरहाल अस्पताल के अधिकारी कहते हैं 'चिकित्सा रिपोर्ट का इंतजार है.'

हालांकि रवि के परिवार ने मामले में साजिश का अंदेशा जताया है. उनके मुताबिक उसकी जेल में पिटाई की गई और जेलर को उसकी मौत का जिम्‍मेदार ठहराया. मौत के वास्‍तविक कारणों की पड़ताल के लिए बुधवार को पोस्‍टमार्टम किया जाएगा.

उल्‍लेखनीय है कि पिछले साल सितंबर में अखलाक की बीफ खाने के संदेह के आधार पर भीड़ ने पीट-पीटकर हत्‍या कर दी थी. बेटे दानिश को भी बुरी तरह पीटा गया था. उसके बाद अखलाक के परिजनों ने डर के मारे घर छोड़ दिया था और दिल्‍ली में रह रहे हैं.
 

अखलाक का फाइल फोटो

कुछ दिन पहले फोरेंसिक रिपोर्ट में कहा गया था कि अखलाक के घर के बाहर डस्‍टबिन में जो मीट मिला था, वह 'गोवंश' का था. उसके बाद गांव में एक महापंचायत हुई थी और अखलाक के परिजनों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी.

उल्‍लेखनीय है कि यूपी में बीफ खाने पर पाबंदी नहीं है लेकिन गो-हत्‍या गैर-जमानती अपराध है और इस मामले में सात साल तक की सजा हो सकती है.

- साथ में भाषा इनपुट

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