रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में सोमवार को रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) की बैठक हुई. डीएसी ने रक्षा बलों के लिए 6900 करोड़ से अधिक के उपकरण खरीद को मंजूरी दे दी है. स्वदेशीकरण को भारी प्रोत्साहन देते हुए और भारत की बढ़ती तकनीकी शक्ति को स्वीकार करते हुए रॉकेट लांचर के लिए थर्मल इमेजिंग (टीआई) नाइटसाइट्स की खरीद ‘बाय (इंडियन) आईडीडीएण श्रेणी के अंतर्गत स्थापित भारतीय वेंडरों के माध्यम से की जाएगी. इसका इस्तेमाल सेना और वायुसेना द्वारा किया जाता है. 84एमएम रॉकेट लॉन्चर के लिए टीआइ साइट का इस्तेमाल टुकड़ियों द्वारा दुश्मन के सक्रिय और स्थिर लक्षों पर सटीक निशाना साधने और पूरी तरह अंधकार के दौरान दुश्मन के बंकरों का विध्वंश करने में किया जाता है.
यह भी पढ़ें: रक्षा बजट से सैन्य आधुनिकीकरण की उम्मीदों पर कुठाराघात : लेफ्टिनेंट जनरल शरदचंद
यह साइट अपनी टुकड़ियों को शत्रुओं के टैंकों की खोज करने और पहचानने तथा रात के समय सैनिकों की गतिविधियों में सहायक होगा. यह छद्म रूप से छिपने और पनाह लेने में कमी लाएगा, क्योंकि रॉकेट लांचर के डिटैचमेंट शत्रु के छिपे हुए स्थान का पता लगाने में सक्षम होंगे. डीएसी ने ‘मेक II’ उपश्रेणी के अंतर्गत एसयू-30 एमकेआई विमान के लिए लंबी दूरी की डुअल बैंड इंफ्रारेड इमेजिंग सर्च एंड ट्रैक सिस्टम (आईआरएसटी) के डिजाइन और विकास की भी स्वीकृति दी और बाद में ‘बाय (इंडियन) आईडीडीएण श्रेणी के अंतर्गत 100 आईआरएसटी खरीद के लिए स्वीकृति दी. यह प्रणाली दिन और रात दोनों समय कार्य करेगी और विमानों की क्षमता में वृद्धि करेगी.
VIDEO: 15,935 करोड़ के रक्षा सौदे को मंज़ूरी
इन स्वीकृतियों के साथ अकेले पिछले आठ महीनों में डीएसी ने पूरे उत्साह के साथ सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के काम को आगे बढ़ाया है और स्वदेशीकरण पर बल दिया है. लगभग 43,844 करोड़ रुपये मूल्य के उपकरण खरीद को मंजूरी दी गई है, जिसमें से 32,253 करोड़ रुपये के उपकरण भारत में बनाए जाएंगे.
यह भी पढ़ें: रक्षा बजट से सैन्य आधुनिकीकरण की उम्मीदों पर कुठाराघात : लेफ्टिनेंट जनरल शरदचंद
यह साइट अपनी टुकड़ियों को शत्रुओं के टैंकों की खोज करने और पहचानने तथा रात के समय सैनिकों की गतिविधियों में सहायक होगा. यह छद्म रूप से छिपने और पनाह लेने में कमी लाएगा, क्योंकि रॉकेट लांचर के डिटैचमेंट शत्रु के छिपे हुए स्थान का पता लगाने में सक्षम होंगे. डीएसी ने ‘मेक II’ उपश्रेणी के अंतर्गत एसयू-30 एमकेआई विमान के लिए लंबी दूरी की डुअल बैंड इंफ्रारेड इमेजिंग सर्च एंड ट्रैक सिस्टम (आईआरएसटी) के डिजाइन और विकास की भी स्वीकृति दी और बाद में ‘बाय (इंडियन) आईडीडीएण श्रेणी के अंतर्गत 100 आईआरएसटी खरीद के लिए स्वीकृति दी. यह प्रणाली दिन और रात दोनों समय कार्य करेगी और विमानों की क्षमता में वृद्धि करेगी.
VIDEO: 15,935 करोड़ के रक्षा सौदे को मंज़ूरी
इन स्वीकृतियों के साथ अकेले पिछले आठ महीनों में डीएसी ने पूरे उत्साह के साथ सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के काम को आगे बढ़ाया है और स्वदेशीकरण पर बल दिया है. लगभग 43,844 करोड़ रुपये मूल्य के उपकरण खरीद को मंजूरी दी गई है, जिसमें से 32,253 करोड़ रुपये के उपकरण भारत में बनाए जाएंगे.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं