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This Article is From Jun 22, 2016

बाइक, बंदूक और 1800 सिम कार्ड खोलेंगे दाभोलकर, पंसारे के मर्डर की गुत्थी

बाइक, बंदूक और 1800 सिम कार्ड खोलेंगे दाभोलकर, पंसारे के मर्डर की गुत्थी
नरेंद्र दाभोलकर का फाइल फोटो
मुंबई: समाजसेवी डॉ नरेंद्र दाभोलकर और कॉमरेड गोविंद पंसारे की मर्डर गुत्थी सुलझाने में जुटी सीबीआई की जांच तीन बातों के आसरे टिक गई है। एक मोटरसाइकिल, एक पिस्तौल और 1800 सिम कार्ड। मामले में गिरफ्तार आरोपी डॉ वीरेंद्र तावड़े की पत्नी निधि तावड़े से सीबीआई ने पूछताछ पूरी कर ली है, फिलहाल निधि संदेह के घेरे से बाहर हैं।

सीबीआई के सूत्रों का कहना है कि डॉ तावड़े 22 जनवरी 2013 को अपनी बाइक से पुणे गया, जिसका इस्तेमाल वो 2012 से कर रहा था। उसी बाइक पर बैठकर हत्यारों ने 22 अगस्त 2013 को डॉ नरेंद्र दाभोलकर पर गोलियां चलाईं। घटना के बाद भी तावड़े बाइक का इस्तेमाल करता रहा। उसे पुणे के एक गैराज में ठीक भी करवाया। बाद में इसी बाइक को लेकर वो कोल्हापुर भी गया। जहां 2015 में कॉमरेड पंसारे का मर्डर हुआ।
   
 सूत्रों के मुताबिक इन खुलासों पर मामले के आरोपी डॉ वीरेंद्र तावड़े की पत्नी निधि से भी पूछताछ की गई। गोवा धमाकों के आरोपी सारंग अकोलकर के साथ जब उन्हें डॉ तावड़े के मेल दिखाये गये तो वो चौंक गईं। निधि ने ये भी बताया कि पिछले कुछ सालों से वो तावड़े से अलग रह रही हैं।
     
तावड़े-अकोलकर के मेल के साथ कुछ दस्तावेज खंगालने के बाद सीबीआई का दावा है कि दोनों पूरे देश में सनातन संस्था के 5 फीसदी लोगों को बंदूक चलाने की ट्रेनिंग देना चाहते थे। 15000 लोगों की फौज खड़ी कर उनका इरादा इनका इस्तेमाल उन लोगों के खिलाफ करने का था जो उनकी नजरों में हिन्दू धर्म के खिलाफ थे। 

आरोपों की तह तक जाने के लिए सीबीआई ने तावड़े के पनवेल स्थित घर से 17 और दस्तावेज, पासपोर्ट और कुछ और सीडी भी बरामद की है। एजेंसी 1800 सिम कार्ड भी खंगाल रही है जिसका इस्तेमाल संस्था से जुड़े कुछ लोग कर रहे थे।
    
 हालांकि संस्था से जुड़े लोगों को लगता है कि सीबीआई फर्जी तरीके से साधकों को फंसाने के लिये सुबूत इकठ्ठा कर रही है, सनातन संस्था के प्रवक्ता अभय वर्तक ने आरोप लगाया सीबीआई ने एक निर्दोष साधक वीरेंद्र तावड़े को गिरफ्तार किया है। वो एक खरीदे हुए गवाह के जरिये संस्था को बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं। वहीं डॉ दाभोलकर के बेटे हामिद का कहना है कि नये सुबूतों के रोशनी में केस का दायरा बढ़ाया जाना चाहिए।
       
वैसे जो सबूत सीबीआई ने अब तक जुटाये हैं उसके जरिये एजेंसी इस नतीजे पर पहुंची है कि वाशी, ठाणे और गोवा धमाकों के बाद अतिवादियों ने अपनी रणनीति बदल दी और उन लोगों को निशाना बनाने की सोची जो उनके ख्याल से हिन्दू धर्म के खिलाफ थे। अपने मेल में वो ऐसे लोगों को राक्षस कहकर संबोधित करते थे।

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