
मीडिया से बातचीत करते मेजर लितुल गोगोई...
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हम चाहते थे कि उपचुनाव शांतिपूर्ण तरीके से हो
मौजूद भीड़ पत्थर के साथ पेट्रोल बम भी फेंक रही थी
हम गाड़ी से बाहर तक नहीं निकल पा रहे थे
मेजर गोगोई ने कहा कि वहां मौजूद भीड़ पत्थर के साथ पेट्रोल बम भी फेंक रही थी. भीड़ हमारी बात सुनने को तैयार नहीं थी. हम अनाउंसमेंट भी कर रहे थे, लेकिन वो सुन नहीं रहे थे. हम चाहते थे कि उपचुनाव शांतिपूर्ण तरीके से हो. हम गाड़ी से बाहर तक नहीं निकल पा रहे थे. हमने बताया कि हम पोलिंग पार्टी को बचाने आए हैं. हमारी अपील के बावजूद भीड़ जुटनी शुरू हो गई. भीड़ ने हमारे ऊपर पथराव करना शुरू कर दिया. पथराव को देखते हुए मुझे यह आइडिया आया और एक पत्थरबाज को जीप से बांधकर आगे बढ़ने का फैसला किया. उन्होंने कहा कि ऐसा कर उन्होंने कई लोगों की जान बचा ली.
आपको बता दें कि मेजर गोगोई का सेना प्रमुख ने सम्मान किया है. उन्हें आतंकवादी मुहिम में योगदान के लिए सेना प्रमुख का प्रशस्ति पत्र दिया गया है. इससे पहले इस घटना के ख़िलाफ़ जनाक्रोश को देखते हुए सेना ने इस मेजर के ख़िलाफ़ कोर्ट ऑफ इंक्वॉयरी बैठाई थी, जिसकी रिपोर्ट आनी बाकी है. कश्मीरी युवक को जीप के आगे बांधने की ये घटना 9 अप्रैल की है. इसका काफ़ी विरोध हुआ था.
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