प्रतीकात्मक तस्वीर...
नई दिल्ली:
भारत और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के बीच क्रॉस एलओसी व्यापार बंद नहीं किया जाएगा. केंद्र ने जम्मू-कश्मीर सरकार को ये साफ़ कर दिया है.
केन्द्रीय गृह सचिव जो घाटी में दो दिन के दौरे के लिए गए थे, उन्होंने ये बात राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती से कही.
केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि ने एनडीटीवी इंडिया को बताया कि "हम लोग जल्द ही फ़ुल ट्रक बॉडी स्कैनर ख़रीदने जा रहे हैं, जोकि सुरक्षा एजेंसियों की मदद करेंगे". उनके मुताबिक़, अभी सलामाबाद और चकांदाबाद दोनो एंट्री प्वाइंटस पर ये लगाये जाएंगे.
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NIA की जांच में ये सामने आ रहा है कि घाटी में पिछले कुछ सालों से हो रही हिंसा का सीधा रिश्ता क्रॉस LoC ट्रेड से है, क्योंकि जांच एजेंसियों का मानना है कि ज़्यादातर पैसा जो इस व्यापार से कमाया जाता है उसे घाटी में स्थिति ख़राब करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
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गृह मंत्रालय के एक सीनियर अफ़सर ने एनडीटीवी से कहा कि "क्रॉस LoC ट्रेड एक बहुत बड़ा फ़ैसला है, जोकि कॉन्फिडेंस बिल्डिंग मेज़र के तहत लिया गया है, इसे बंद नहीं किया जा सकता".
दरअसल, हाल में ऐसे कई क़िस्से आए हैं, जिसके चलते इस व्यापार पर सवाल उठाए जा रहे है. हालांकि राज्य की मुख्यमंत्री ने इस बात की ख़िलाफ़त की है कि ये व्यापार बंद किया जाना चाहिए. महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि "हम रास्ते खोलने के बंद करने के हक़ में नहीं हैं".
कश्मीर डेस्क से जुड़े एक अफ़सर का कहना है कि वैसे बीती 11 जुलाई से पुंछ वाले रास्ते से ये व्यापार गोलाबारी के चलते बंद हो गया है. इस इलाक़े में इतनी ज़्यादा गोलाबारी हो रही थी कि सब वर्कर अपनी पोस्ट छोड़ कर भाग गए. इसीलिए व्यापार बंद है. उनके मुताबिक़, जब हालत यहां सामान्य हो जाएंगे तो यह शुरू हो जाएगा.
केन्द्रीय गृह सचिव जो घाटी में दो दिन के दौरे के लिए गए थे, उन्होंने ये बात राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती से कही.
केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि ने एनडीटीवी इंडिया को बताया कि "हम लोग जल्द ही फ़ुल ट्रक बॉडी स्कैनर ख़रीदने जा रहे हैं, जोकि सुरक्षा एजेंसियों की मदद करेंगे". उनके मुताबिक़, अभी सलामाबाद और चकांदाबाद दोनो एंट्री प्वाइंटस पर ये लगाये जाएंगे.
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NIA की जांच में ये सामने आ रहा है कि घाटी में पिछले कुछ सालों से हो रही हिंसा का सीधा रिश्ता क्रॉस LoC ट्रेड से है, क्योंकि जांच एजेंसियों का मानना है कि ज़्यादातर पैसा जो इस व्यापार से कमाया जाता है उसे घाटी में स्थिति ख़राब करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
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गृह मंत्रालय के एक सीनियर अफ़सर ने एनडीटीवी से कहा कि "क्रॉस LoC ट्रेड एक बहुत बड़ा फ़ैसला है, जोकि कॉन्फिडेंस बिल्डिंग मेज़र के तहत लिया गया है, इसे बंद नहीं किया जा सकता".
दरअसल, हाल में ऐसे कई क़िस्से आए हैं, जिसके चलते इस व्यापार पर सवाल उठाए जा रहे है. हालांकि राज्य की मुख्यमंत्री ने इस बात की ख़िलाफ़त की है कि ये व्यापार बंद किया जाना चाहिए. महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि "हम रास्ते खोलने के बंद करने के हक़ में नहीं हैं".
कश्मीर डेस्क से जुड़े एक अफ़सर का कहना है कि वैसे बीती 11 जुलाई से पुंछ वाले रास्ते से ये व्यापार गोलाबारी के चलते बंद हो गया है. इस इलाक़े में इतनी ज़्यादा गोलाबारी हो रही थी कि सब वर्कर अपनी पोस्ट छोड़ कर भाग गए. इसीलिए व्यापार बंद है. उनके मुताबिक़, जब हालत यहां सामान्य हो जाएंगे तो यह शुरू हो जाएगा.
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