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This Article is From May 17, 2021

EPFO ने अपनी इस योजना के तहत बढ़ाई डेथ इंश्योरेंस की रकम, कोविड से मौत होने पर परिवार को मिलेगी मदद

EPFO Scheme: EPFO ने अपने EDLI स्कीम पर लाभार्थियों के लिए डेथ इंश्योरेंस की रकम बढ़ा दी है. स्कीम के तहत अब न्यूनतम राशि 2.5 लाख और अधिकतम राशि 7 लाख कर दी है. पहले यह क्रमश: 2 लाख और 6 लाख थी.

EPFO ने अपनी इस योजना के तहत बढ़ाई डेथ इंश्योरेंस की रकम, कोविड से मौत होने पर परिवार को मिलेगी  मदद
EPFO Insurance Scheme: EPFO ने अपनी EDLI स्कीम के तहत डेथ इंश्योरेंस की रकम बढ़ा दी है.
नई दिल्ली:

EPFO Scheme: कोरोनावायरस की दूसरी लहर में बढ़ती मौतों को देखते हुए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees' Provident Fund Organisation- EPFO) ने अपने EDLI स्कीम यानी employees' deposit-linked Insurance स्कीम पर लाभार्थियों के लिए डेथ इंश्योरेंस की रकम बढ़ा दी है. स्कीम के तहत अब न्यूनतम राशि 2.5 लाख और अधिकतम राशि 7 लाख कर दी है. पहले यह क्रमश: 2 लाख और 6 लाख थी.

क्या हैं इस स्कीम की शर्तें

अगर EDLI स्कीम के किसी लाभार्थी की नौकरी के दौरान मौत हो जाती है तो इंश्योरेंस कवर का पैसा उसके परिवार को मिलेगा. स्कीम के तहत उस सब्सक्राइबर को बेनिफिट मिलेगा, जो EPFO का सदस्य होगा या फिर EPF और MP Act की धारा 17 के तहत छूट पा रहे प्रोवाइडर फंड का सदस्य होगा.

इसके अलावा यह भी जरूरी है कि लाभार्थी अपनी मृत्यु से पहले 12 महीनों तक लगातार नौकरी कर रहा हो. इस बात से कोई मतलब नहीं है कि उसने इस अवधि में अपनी नौकरी का संस्थान बदला था या नहीं.

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बता दें कि EDLI स्कीम Employees' Provident Fund और Miscellaneous Provisions Act (EPF and MP Act), 1952 का हिस्सा है. EPFO ने प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को इंश्योरेंस कवर देने के लिए यह स्कीम शुरू की थी.

ऐसे सभी कर्मचारी, जिनकी बेसिक सैलरी प्रति महीना 15,000 रुपए से कम है, वो इस स्कीम का फायदा उठा सकते हैं. इसके नियमों के मुताबिक, कर्मचारी की कंपनी का योगदान बेसिक सैलरी का 0.5 फीसदी या फिर प्रति कर्मचारी पर अधिकतम 75 रुपए प्रति महीना होगा. अगर कंपनी के पास कोई ग्रुप इंश्योरेंस नहीं है तो अधिकतम योगदान 15,000 रुपए प्रति महीने तक सीमित होगा.

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लाभार्थी की मौत पर परिवार को मिलती है रकम

अगर किसी सब्सकाइबर की मौत हो जाती है तो उसके परिवार को इस स्कीम के तहत 7 लाख रुपए मिलते हैं, वहीं EPS स्कीम के तहत हर महीेने विधवा/बच्चों को/अनाथ पेंशन मिलती है. परिवार, नाबालिग या कोई मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति भी EPF फॉर्म 20 के साथ फॉर्म 5 IF भरकर राशि को क्लेम कर सकता है.

फॉर्म पर लाभार्थी के एंप्लॉयर के हस्ताक्षर चाहिए होंगे, लेकिन अगर हस्ताक्षर नहीं मिल पा रहा है तो फॉर्म को किसी स्थानीय सांसद, विधायक, गजटेड ऑफिसर, मजिस्ट्रेट, स्थानीय नगरपालिका बोर्ड के सदस्य या सचिव या फिर EPF या फिर CBT की क्षेत्रीय समिति के किसी सदस्य से सत्यापित करवा सकते हैं. अगर लाभार्थी का कोई नॉमिनी नहीं है, तो उसकी मौत के बाद उसका कानूनी उत्तराधिकारी इस रकम को क्लेम कर सकता है.

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