मुंबई में कोरोना से ठीक हो चुके 22 मरीजों को फिर से भर्ती करना पड़ा है.
कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी का एक नया पहलु सामने आ रहा है. दरअसल कोरोना से जो मरीज रिकवर हो जा रहे हैं उन पर बीमारी से ठीक होने के बाद भी कोविड का असर देखा जा रहा है. मुंबई में कोरोना से ठीक होने वाले 22 मरीज फिर से अस्पताल पहुंचे और उन्होंने अस्वस्थ होने की शिकायत की. दरअसल मरीज जब एक महीने बाद अस्पताल पहुंचे तो मरीजों में Pulmonary Fibrosis की शिकायत मिली. ये फेफड़ों के खराब हो जाने की स्थिति होती है. फेफड़े के टिशू में धब्बे पड़ जाते हैं. सांस लेने में दिक्कत आती है. अस्पताल अब इन मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्ट दे रहा है. चिंता की बात यह है कि जब ये मरीज कोरोना से रिकवर होकर घर गए थे तो उनके फेफड़ों में कोई शिकायत नहीं थी.
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अस्पताल के डीन हेमंत देशमुख ने बताया कि कोरोना मुख्य रूप से फेफड़े की बीमारी है. कोरोना से रिकवरी के बाद Pulmonary Fibrosis होने की उम्मीद रहती है. उन्होंने कहा कि हम मरीजों के लिए ऑक्सीजन की व्यवस्था के बारे में सोच रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस मामले में उम्र से फर्क नहीं पड़ता है. डॉक्टर देशमुख ने बताया कि Pulmonary Fibrosis का असर लंबे वक्त रहता है. इसको कम करने के लिए मरीज को दवाई दे रहे हैं.
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