प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी.
नई दिल्ली:
दिल्ली की विशेष अदालत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ सीबीआई जांच करवाने की रक्षा मंत्रालय के एक बर्खास्त अधिकारी की याचिका को खारिज कर दिया है. गौरतलब है कि अधिकारी ने मंत्रालय में भ्रष्टाचार के मामले में पीएम मोदी द्वारा कथित रूप से कार्रवाई नहीं किये जाने को लेकर उक्त मांग की थी.
याचिका खारिज करने के साथ उसे ‘‘स्वीकृति के लिए अयोग्य’’ बताते हुए विशेष न्यायाधीश वीरेन्द्र कुमार गोयल ने कहा ‘‘प्रधानमंत्री पर कोई लाभ लेने या कोई कीमती वस्तु लेने का कोई आरोप नहीं है...’’ अदालत ने कहा, पूरी शकायत में ‘‘आरोपों की प्रकृति सिर्फ इतनी है कि प्रधानमंत्री कार्रवाई करने में असफल रहे’’, जिसमें ‘‘किसी भी रूप में’’ भ्रष्टाचार निरोधी कानून के तहत धारा 14 (आदतन अपराधी) लागू नहीं होता.
रक्षा मंत्रालय के साथ काम कर चुके केएन मंजूनाथ की ओर से दायर निजी याचिका पर यह आदेश आया है. मंजूनाथ को अनुशासनात्मक कार्रवाई के बाद नौकरी से निकाल दिया गया था. मंजूनाथ को केन्द्रीय प्रशासनीक पंचाट से भी इस संबंध में कोई राहत नहीं मिली. कैट ने एम्स के निदेशक को निर्देश भी दिया कि वह मंजूनाथ की मानसिक जांच करवाये.
शिकायत करने वाले ने आरोप लगाया है कि उसने रक्षा मंत्रालय में होने वाली भ्रष्ट गतिविधियों से संबंधित अधिकारियों और प्रधानमंत्री को अवगत करवाया था. मंजूनाथ ने अपनी शिकायत में हालांकि केवल इतना कहा है कि प्रधानमंत्री इस संबंध में कोई कार्रवाई करने में असफल रहे.
याचिका खारिज करने के साथ उसे ‘‘स्वीकृति के लिए अयोग्य’’ बताते हुए विशेष न्यायाधीश वीरेन्द्र कुमार गोयल ने कहा ‘‘प्रधानमंत्री पर कोई लाभ लेने या कोई कीमती वस्तु लेने का कोई आरोप नहीं है...’’ अदालत ने कहा, पूरी शकायत में ‘‘आरोपों की प्रकृति सिर्फ इतनी है कि प्रधानमंत्री कार्रवाई करने में असफल रहे’’, जिसमें ‘‘किसी भी रूप में’’ भ्रष्टाचार निरोधी कानून के तहत धारा 14 (आदतन अपराधी) लागू नहीं होता.
रक्षा मंत्रालय के साथ काम कर चुके केएन मंजूनाथ की ओर से दायर निजी याचिका पर यह आदेश आया है. मंजूनाथ को अनुशासनात्मक कार्रवाई के बाद नौकरी से निकाल दिया गया था. मंजूनाथ को केन्द्रीय प्रशासनीक पंचाट से भी इस संबंध में कोई राहत नहीं मिली. कैट ने एम्स के निदेशक को निर्देश भी दिया कि वह मंजूनाथ की मानसिक जांच करवाये.
शिकायत करने वाले ने आरोप लगाया है कि उसने रक्षा मंत्रालय में होने वाली भ्रष्ट गतिविधियों से संबंधित अधिकारियों और प्रधानमंत्री को अवगत करवाया था. मंजूनाथ ने अपनी शिकायत में हालांकि केवल इतना कहा है कि प्रधानमंत्री इस संबंध में कोई कार्रवाई करने में असफल रहे.
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