
सुप्रीम कोर्ट ने एमपी सरकार को नीट के तहत दाखिले करने के लिए तीन दिन का वक्त दिया है.
नई दिल्ली:
मध्यप्रदेश में NEET काउंसलिंग की तारीख को बढ़ाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार को दाखिले की प्रक्रिया पूरी करने के लिए तीन दिन का समय दिया है. कोर्ट ने सरकार की एक हफ्ते का समय देने की मांग ठुकरा दी.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने NEET काउंसलिंग मामले से जुड़ी मध्यप्रदेश सरकार की याचिका को खारिज कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया था कि वह 10 दिनों के भीतर फिर से NEET के तहत दाखिले करे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हाई कोर्ट के आदेश को लागू किया जाए.
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पिछले साल सितम्बर में सुप्रीम कोर्ट ने 2016-17 एडमिशन के लिए मध्यप्रदेश सरकार द्वारा आयोजित राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा की काउंसलिंग को रद्द कर दिया था. उस वक्त सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मध्यप्रदेश सरकार ने अंडरग्रेजुएट कॉलेजों में काउंसिलिंग कराने को लेकर केन्द्र के प्रावधानों को फॉलो नहीं किया था.
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सुप्रीम कोर्ट ने कॉलेजों को नए सिरे से काउंसलिंग कराने का निर्देश दिया था और राज्य सरकार को भी केन्द्र सरकार और कानून के तहत दिए गए नियमों और निर्देशों को सख्ती से लागू करने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी पाया था कि प्राइवेट कॉलेजों ने भी मेडिकल के अंडरग्रेजुएट कोर्सेस की काउंसलिंग में केन्द्र की गाइडलाइंस को लागू नहीं किया था.
VIDEO : नीट को लेकर विवाद
पिछले साल पूरे भारत में एमबीबीएस और बीडीएस कोर्स में दाखिले के लिए नीट को अनिवार्य किया गया था, लेकिन कुछ राज्यों में मेडिकल परीक्षा के उम्मीदवारों ने नीट 2017 को रद्द करने की मांग की थी.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने NEET काउंसलिंग मामले से जुड़ी मध्यप्रदेश सरकार की याचिका को खारिज कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया था कि वह 10 दिनों के भीतर फिर से NEET के तहत दाखिले करे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हाई कोर्ट के आदेश को लागू किया जाए.
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पिछले साल सितम्बर में सुप्रीम कोर्ट ने 2016-17 एडमिशन के लिए मध्यप्रदेश सरकार द्वारा आयोजित राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा की काउंसलिंग को रद्द कर दिया था. उस वक्त सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मध्यप्रदेश सरकार ने अंडरग्रेजुएट कॉलेजों में काउंसिलिंग कराने को लेकर केन्द्र के प्रावधानों को फॉलो नहीं किया था.
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सुप्रीम कोर्ट ने कॉलेजों को नए सिरे से काउंसलिंग कराने का निर्देश दिया था और राज्य सरकार को भी केन्द्र सरकार और कानून के तहत दिए गए नियमों और निर्देशों को सख्ती से लागू करने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी पाया था कि प्राइवेट कॉलेजों ने भी मेडिकल के अंडरग्रेजुएट कोर्सेस की काउंसलिंग में केन्द्र की गाइडलाइंस को लागू नहीं किया था.
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पिछले साल पूरे भारत में एमबीबीएस और बीडीएस कोर्स में दाखिले के लिए नीट को अनिवार्य किया गया था, लेकिन कुछ राज्यों में मेडिकल परीक्षा के उम्मीदवारों ने नीट 2017 को रद्द करने की मांग की थी.