बनारस शहर को पुरानी गलियों के लिए भी जाना जाता है, ये गलियां इतनी संकरी हैं कि यहां सैनिटाइजेशन करना मुश्किल हो रहा था. इन गलियों के अंदर मशीनों की मदद से सैनिटाइजेशन करना प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण होता जा रहा था. लिहाजा वाराणसी प्रशासन ने इसके लिए नया तरीका खोज निकाला, यहां ड्रोन की मदद से हाइड्रोक्लोराइड का छिड़काव किया जा रहा है. इस ड्रोन को गरुण ड्रोन का नाम दिया गया है. बता दें कि वाराणसी में अब तक 14 कोरोना मरीजों की पुष्टि हुई है. 5 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि अन्य का इलाज जारी है.
नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि प्रशासन की कोशिश है कि जिन इलाकों में ज्यादा मामले मिले हैं या फिर जिन्हें हॉटस्पॉट घोषित किया गया है, वहां कम से कम लोगों का दखल हो. ऐसे में एक कंपनी के साथ करार किया गया है. इस ड्रोन में एक 10 लीटर का टैंक लगा है, जिसमें हाइड्रोक्लोराइड भरा गया है. उन्होंने बताया कि इस ड्रोन की मदद से हॉटस्पॉट इलाके को हर तीसरे दिन डिसइंफेक्ट किया जा सकेगा और इसके लिए इलाके के भीतर किसी को जाने की जरूरत भी नहीं होगी. खास बात ये है कि इस ड्रोन की मदद से पतली गलियों से लेकर ऊंची इमारत तक को सैनिटाइज किया जा सकेगा.
बता दें कि वाराणसी में शुक्रवार को पांच नए मामले सामने आए हैं उन सभी का संबंध दिल्ली के तबलीगी जमात के कार्यक्रम या इससे जुड़े व्यक्तियों से है. पॉजिटिव पाए गए पांच में से तीन लोग 3 लोग निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए थे. नए मामले के बाद वाराणसी में एक और इलाके को हॉटस्पॉट घोषित कर दिया गया. जिसमे मदनपूरा, बजरडीहा, लोहता, गंगापुर पहले से थे और अब नक्की घाट नया बनाया गया है. हालांकि अधिकारियों का कहना है कि वाराणसी एक ज्यादा जनसंख्या घनत्व वाला इलाका है. लेकिन लॉकडाउन के चलते मामले आबादी के अनुपात में कम आए है फिर भी ज्यादा से ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है.
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